भारत से हथियार खरीदेगा ये देश: अमेरिका हैरान!

नई दिल्ली। भारत और फिलीपींस के बीच हालिया रक्षा सहयोग ने न केवल दक्षिण एशिया, बल्कि समूचे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सैन्य और कूटनीतिक समीकरणों को नया मोड़ दे दिया है। फिलीपींस द्वारा भारत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम की खरीद और भविष्य में और हथियारों की संभावित खरीद अमेरिका और चीन, दोनों के लिए एक स्पष्ट संकेत है: एशिया अब एक बहुध्रुवीय रक्षा साझेदारी की दिशा में अग्रसर है।

ब्रह्मोस की डिलीवरी: भारत की तकनीकी क्षमता की मुहर

अप्रैल 2024 में ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम की पहली बैटरी की सफल डिलीवरी के बाद फिलीपींस ने न केवल इसके प्रदर्शन की सराहना की, बल्कि दो और बैटरियों के ऑर्डर की पुष्टि भी कर दी। इस मिसाइल प्रणाली की खासियत इसकी सुपरसोनिक गति, सटीक निशाना साधने की क्षमता, और मल्टी-प्लेटफॉर्म लॉन्चिंग एबिलिटी है, जो इसे एशिया की सबसे घातक सामरिक प्रणालियों में से एक बनाती है।

ऑपरेशन सिंदूर: फिलीपींस को मिला भरोसा

पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर' में भारत द्वारा ब्रह्मोस मिसाइलों के प्रयोग ने दुनिया का ध्यान खींचा। इसमें भारतीय मिसाइलों ने चीन-निर्मित एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देकर सटीक हमले किए, जो फिलीपींस जैसे देशों के लिए एक निर्णायक उदाहरण बना कि चीनी हथियारों की तुलना में भारतीय तकनीक कहीं अधिक विश्वसनीय, प्रभावी और परीक्षण-प्रमाणित है।

अमेरिका को झटका?

फिलीपींस दशकों से अमेरिका का रक्षा सहयोगी रहा है। लेकिन अब अमेरिका के हथियारों की अत्यधिक कीमत, जटिल शर्तें और भू-राजनीतिक नियंत्रण की कोशिशें कई देशों को परेशान करने लगी हैं। भारत का विकल्प इसलिए आकर्षक बन रहा है क्योंकि वह किफायती दाम, बिना शर्त तकनीकी सहयोग, और साझेदारी पर आधारित रणनीति को प्राथमिकता देता है।

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