बता दें की यह तकनीक न सिर्फ भारतीय वायुसेना के सबसे महत्वाकांक्षी फाइटर जेट को दुनिया की सबसे उन्नत एयरफोर्स में शामिल होने के लायक बनाएगी, बल्कि चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों के लिए यह एक रणनीतिक सिरदर्द बन सकता है।
क्या है ये क्रांतिकारी तकनीक?
इस एंटीना की ताकत को समझने के लिए दो पहलुओं को जानना जरूरी है:
1 .Low RCS (Radar Cross Section):
यह तकनीक विमान को रडार की नजरों से लगभग गायब कर देती है। यानी विमान का डिज़ाइन और सामग्री ऐसे होती है कि रडार सिग्नल या तो सोख लिए जाते हैं या फिर गलत दिशा में मोड़ दिए जाते हैं, जिससे दुश्मन की निगरानी प्रणाली इसे पकड़ नहीं पाती।
2 .Ultra-Wideband EW (Electronic Warfare) Antenna:
यह एंटीना एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक कवच है जो दुश्मन के रडार को केवल ट्रैक ही नहीं करता, बल्कि उसकी फ्रीक्वेंसी पर हस्तक्षेप कर उसे भ्रमित करता है। इसकी खासियत यह है कि यह एक साथ कई तरह के रडार सिस्टम को निशाना बना सकता है, चाहे उनकी फ्रीक्वेंसी कुछ भी हो।
AMCA को क्यों चाहिए यह तकनीक?
AMCA भारत का पहला फुल-स्टील्थ फाइटर जेट होगा, जिसकी क्षमता पांचवीं पीढ़ी के किसी भी उन्नत विमान से कम नहीं होगी। ऐसे में इसकी सबसे बड़ी ताकत होगी — दृश्य से बाहर रहकर मार करना। NAL की यह नई एंटीना तकनीक पूरी तरह से विमान के ढांचे में समाहित की जा सकेगी, जिससे इसकी स्टील्थ प्रोफाइल पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वहीं, जहां विदेशी स्टील्थ एंटीना अक्सर विमान की बॉडी से बाहर निकलते रहते हैं, जिससे उनकी 'दृश्यता' बढ़ती है, वहीं यह भारतीय तकनीक डिज़ाइन में पूरी तरह 'छुपी' रहती है — यह एक बड़ी बढ़त है।
विदेशी निर्भरता में कटौती, आत्मनिर्भरता को बल
इस तकनीक का एक और अहम पहलू है – स्वदेशी निर्माण। अब भारत को स्टील्थ सिस्टम्स के लिए विदेशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इससे न सिर्फ रक्षा बजट का दबाव कम होगा, बल्कि संवेदनशील तकनीकी जानकारी भी देश के अंदर ही सुरक्षित रहेगी।

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