यूपी में इन जिलों के 'नागरिकों' के लिए खुशखबरी

न्यूज डेस्क। उत्तर प्रदेश के पूर्वी छोर पर स्थित बलिया जिले के नागरिकों के लिए एक उत्साहजनक खबर सामने आई है। प्रदेश सरकार ने बलिया में एक एयरपोर्ट बनाने की दिशा में पहला बड़ा कदम उठाते हुए स्थानीय प्रशासन से प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट (Pre-Feasibility Report) मांगी है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो बलिया जल्द ही हवाई मानचित्र पर अपनी पहचान दर्ज करा सकता है।

क्यों जरूरी है बलिया में एयरपोर्ट?

बलिया भौगोलिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र है। यह जिला गंगा, घाघरा और तमसा जैसी नदियों से घिरा हुआ है। बारिश के मौसम में अक्सर यहां बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं, जिससे सड़क और रेल मार्ग बाधित होते हैं। ऐसे में हवाई मार्ग एक महत्वपूर्ण विकल्प के रूप में सामने आता है। वर्तमान में बलिया के लोगों को हवाई सफर के लिए वाराणसी, गोरखपुर, आजमगढ़, गाजीपुर या कुशीनगर का रुख करना पड़ता है, जो कि समय, पैसा और श्रम—तीनों की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण है।

राजनीतिक समर्थन और स्थानीय मांग

यह प्रस्ताव बहुजन समाज पार्टी के रसड़ा से विधायक उमाशंकर सिंह की ओर से सरकार के समक्ष रखा गया है। उन्होंने बलिया-लखनऊ मार्ग पर एयरपोर्ट निर्माण की मांग करते हुए यह भी आश्वासन दिया है कि आवश्यक भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। उनके मुताबिक, बलिया में जनसंख्या और विकास की रफ्तार दोनों तेज़ी से बढ़ रहे हैं। एक एयरपोर्ट से न सिर्फ कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा और नौकरी के नए अवसर भी पैदा होंगे।

औद्योगिक विकास को भी मिलेगा बढ़ावा

गौरतलब है कि ओएनजीसी (ONGC) ने भी बलिया के सागरपाली गांव में हाइड्रोकार्बन प्रोजेक्ट लगाने की योजना बनाई है। ऐसे औद्योगिक प्रोजेक्ट्स के लिए हवाई संपर्क एक जरूरी आधारभूत सुविधा है। एयरपोर्ट का निर्माण निवेशकों के लिए बलिया को और अधिक आकर्षक बना सकता है।

सरकार का रुख और अगला कदम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस प्रस्ताव को गंभीरता से लेते हुए सिविल एविएशन विभाग को निर्देशित किया है कि वह नेशनल एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के साथ मिलकर एक प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करे। यह रिपोर्ट यह जांचेगी कि बलिया में एयरपोर्ट बनाना तकनीकी, पर्यावरणीय, वित्तीय और सामाजिक रूप से कितना व्यावहारिक है।

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