सीड पार्कों से रोजगार और किसानों को मिलेगा लाभ
इन पांच सीड पार्कों की स्थापना से प्रदेश में 6000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, वहीं 15,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। एक सीड पार्क से लगभग 40,000 उत्पादक किसान जुड़ेंगे, जिससे कृषि क्षेत्र में सुधार और उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है।
कृषि मंत्री ने किया बीज उत्पादन में आत्मनिर्भरता का दावा
कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने बताया कि प्रदेश का कृषि क्षेत्रफल 162 लाख हेक्टेयर है, जो देश के कुल कृषि क्षेत्रफल का 11.82 प्रतिशत है। यूपी में हर साल खरीफ, रबी और जायद मौसम में लगभग 140 लाख क्विंटल बीज की आवश्यकता होती है। इस आवश्यकता की पूर्ति सरकारी तंत्र से महज 7%, निजी क्षेत्र से 43% और किसानों द्वारा सुरक्षित बीज से 50% होती है। इस परिपेक्ष्य में सीड पार्कों की स्थापना से प्रदेश के भीतर ही बीज उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और दूसरे राज्यों पर निर्भरता कम होगी। इसके साथ ही किसानों को बीज सस्ते दामों पर उपलब्ध होंगे।
सीड पार्कों में विकसित होंगी अत्याधुनिक सुविधाएं
सीड पार्कों के माध्यम से बीज उत्पादन, प्रॉसेसिंग, भंडारण, स्पीड ब्रीडिंग और हाइब्रिड लैब जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। पश्चिमी, तराई, मध्य, बुंदेलखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कृषि जलवायु क्षेत्रों के अनुसार इन सीड पार्कों का निर्माण किया जाएगा। इससे हर क्षेत्र के किसानों को उनकी जलवायु और मिट्टी के अनुकूल बीज मिलेगा।
बीज व्यवसायियों को रियायतें और विशेष लीज सुविधा
बीज व्यवसायियों को इन सीड पार्कों में निवेश करने के लिए रियायतें दी जाएंगी, ताकि निजी निवेश को बढ़ावा मिल सके। बीज उद्योगों को 30 साल की लीज पर भूमि दी जाएगी, जिसे जरूरत पड़ने पर 90 साल तक बढ़ाया जा सकेगा। यह कदम राज्य के बीज उद्योग को मजबूत करेगा और किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराएगा।
आर्थिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण कदम
उत्तर प्रदेश में सीड पार्कों की स्थापना न केवल कृषि क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगी, बल्कि यह राज्य की आर्थिक स्थिति को भी मजबूती प्रदान करेगा। इन पार्कों में निवेश से रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे और कृषि बीजों के उत्पादन में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
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