यूपी में ग्राम सहायकों को कंप्यूटर की ट्रेनिंग अनिवार्य

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की ग्राम पंचायतों के आत्मनिर्भरता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए एक अहम घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि हर ग्राम सहायक को अब कंप्यूटर की 15 दिन की ट्रेनिंग अनिवार्य होगी, ताकि वह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम करने में सक्षम हो सके। यह कदम प्रदेश की पंचायतों में ईमानदारी, पारदर्शिता और तकनीकी विकास को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

मुख्यमंत्री ने ये बातें पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक में कहीं। उन्होंने जोर देकर कहा कि जितनी अधिक ग्राम पंचायतें आत्मनिर्भर और पारदर्शी होंगी, प्रदेश का विकास उतनी ही तेजी से होगा। साथ ही, उन्होंने प्रदेश की ग्राम पंचायतों में स्थापित ग्राम सचिवालयों के मॉडल की सराहना की, जिसे नीति आयोग ने पूरे देश के लिए आदर्श मानते हुए अपनाने की सिफारिश की है।

ग्राम सचिवालयों का विकास

योगी आदित्यनाथ ने बताया कि राज्य में अब तक 57,695 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालयों की स्थापना की जा चुकी है। ये सचिवालय ग्रामीणों के छोटे-छोटे कामों को शीघ्र निपटाने और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे ग्रामीणों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसके माध्यम से सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित होती है, और स्थानीय स्तर पर प्रशासन की कार्यक्षमता बढ़ी है।

ग्राम सहायकों के लिए कंप्यूटर ट्रेनिंग

मुख्यमंत्री ने ग्राम सहायकों के लिए कंप्यूटर ट्रेनिंग को अनिवार्य करने का ऐलान किया। इसके तहत हर ग्राम सहायक को 15 दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वह तकनीकी उपकरणों का सही उपयोग कर सके और डिजिटल कामों को ठीक से अंजाम दे सके। इससे ग्राम सचिवालयों में कार्यकुशलता बढ़ेगी और सरकारी योजनाओं की जानकारी आसानी से ग्रामीणों तक पहुंच सकेगी।

पंचायत गेटवे पोर्टल के माध्यम से डिजिटल बदलाव

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अब से सभी पंचायतों में होने वाले भुगतान और योजनाओं से जुड़ा कार्य पंचायत गेटवे पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि प्रशासनिक कार्यों में गति भी आएगी। यह डिजिटल सिस्टम ग्रामीण विकास को नई दिशा देने में सहायक साबित होगा।

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