किन जमीनों की खरीद-बिक्री है पूरी तरह अवैध?
सैरात भूमि (सरकारी किराए पर दी गई उपयोग भूमि)
बाजार और हाट की भूमि
नदी, नहर, तालाब की जमीन
श्मशान और कब्रिस्तान की भूमि
मठ, मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों की भूमि
इन जमीनों का कोई भी व्यक्ति व्यक्तिगत स्वामित्व का दावा नहीं कर सकता, और यदि ऐसा किया जाता है, तो वह न केवल गैरकानूनी माना जाएगा, बल्कि संबंधित दस्तावेज भी अमान्य हो जाएंगे। इसको लेकर विभाग के द्वारा लोगों को अलर्ट किया गया हैं।
दस्तावेज मिलान और सीमांकन की सलाह
विभाग ने आम नागरिकों को आगाह किया है कि जमीन खरीदने से पहले निम्न बातों की पूरी तरह पुष्टि करें: जमीन के खाता नंबर, खेसरा नंबर, रकबा (क्षेत्रफल) और चौहद्दी (चारों दिशाओं की सीमा) का मिलान करें। सरकारी पोर्टल या संबंधित अंचल कार्यालय से जमीन का राजस्व रिकॉर्ड जांचें। यदि संभव हो, तो जमीन का सीमांकन (demarcation) कराएं और उस पर चारदीवारी बनवाएं।
क्यों जरूरी है यह सावधानी?
बिहार में भूमि विवादों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और इन विवादों की जड़ ज़्यादातर मामलों में या तो अवैध बिक्री होती है या सीमा विवाद। विभाग का कहना है कि अगर खरीदार सतर्कता बरतें और पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही खरीदारी करें, तो उन्हें भविष्य में कोर्ट-कचहरी और जमीन कब्जे जैसे झमेलों से बचाया जा सकता है।
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