1. संयुक्त राज्य अमेरिका (USA): मिसाइल तकनीक का अगुवा
अमेरिका दशकों से मिसाइल टेक्नोलॉजी में अग्रणी रहा है। उसकी लंबी दूरी तक मार करने वाली इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें (ICBMs), जैसे कि Minuteman III और Trident II, पूरी दुनिया में अपनी सटीकता और विध्वंसक क्षमता के लिए जानी जाती हैं। अमेरिका अब Hypersonic Missiles और Directed Energy Weapons जैसे अत्याधुनिक हथियारों पर भी काम कर रहा है, जिससे उसका सैन्य प्रभुत्व और भी बढ़ गया है।
2. रूस: पारंपरिक ताकत से लेकर हाई-टेक हाइपरसोनिक तक
रूस अपनी मिसाइल तकनीक के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। "RS-28 सरमत" दुनिया की सबसे ताकतवर मिसाइल हैं। इसके अलावा रूस ने Avangard और Kinzhal जैसी हाइपरसोनिक मिसाइलों से साबित किया है कि वह तकनीक के मामले में किसी से पीछे नहीं। इन मिसाइलों की रफ्तार, सटीकता और टारगेट बदलने की क्षमता विशेषज्ञों को चौंकाने वाली लगती है।
3. चीन: सबसे तेजी से उभरती तकनीकी महाशक्ति
चीन ने पिछले एक दशक में मिसाइल तकनीक में अप्रत्याशित प्रगति की है। उसका DF (Dong Feng) सीरीज का बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम, खासकर DF-41, DF-17 जैसी हाइपरसोनिक मिसाइलें, अमेरिका और एशिया में चिंता का कारण बन चुकी हैं। इसके अलावा, चीन Anti-Satellite Weapons (ASAT) और Anti-Ship Ballistic Missiles (ASBM) जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में भी रिसर्च कर रहा है।
4. भारत: आत्मनिर्भर और सशक्त होती सैन्य शक्ति
भारत ने मिसाइल विकास में आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की है। DRDO द्वारा विकसित अग्नि, प्रथ्वी, ब्रह्मोस और शौर्य जैसी मिसाइलें न केवल रक्षा क्षेत्र में भारत की ताकत को दर्शाती हैं, बल्कि यह भी दिखाती हैं कि देश किस तेज़ी से तकनीकी रूप से उन्नत हो रहा है। ब्रह्मोस, जो भारत और रूस की संयुक्त परियोजना है, दुनिया की सबसे तेज़ सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलों में से एक है।
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