दुनिया की सबसे खतरनाक ताकत: सिर्फ 6 देशों के पास हैं SLBM तकनीक

नई दिल्ली। जब बात वैश्विक सामरिक संतुलन और परमाणु ताकत की आती है, तो पनडुब्बी से लॉन्च होने वाली बैलिस्टिक मिसाइलें (Submarine-Launched Ballistic Missiles - SLBM) सबसे खतरनाक और निर्णायक हथियार मानी जाती हैं। ये मिसाइलें दुश्मन के रडार से बचते हुए, समुद्र की गहराइयों से चुपचाप हमला करने की क्षमता रखती हैं। इस तकनीक को हासिल करना केवल परमाणु ताकत बन जाने भर की बात नहीं, बल्कि रणनीतिक गहराई और तकनीकी श्रेष्ठता का भी प्रतीक है।

क्या होती हैं SLBM मिसाइलें?

SLBM वे बैलिस्टिक मिसाइलें होती हैं जिन्हें विशेष रूप से परमाणु-सक्षम पनडुब्बियों से लॉन्च किया जाता है। ये मिसाइलें सैकड़ों से लेकर हजारों किलोमीटर दूर तक परमाणु या पारंपरिक हथियार ले जा सकती हैं। इनकी सबसे बड़ी खासियत है इनकी अदृश्यता—शत्रु को यह अंदाज़ा तक नहीं होता कि कब और कहां से हमला होगा।

कौन हैं ये 6 देश?

वर्तमान में केवल 6 देशों के पास ही पूर्ण विकसित और तैनात की गई SLBM क्षमता है:

1 .अमेरिका – ट्राइडेंट-II (D5) मिसाइलों से लैस ओहायो-क्लास पनडुब्बियां, अमेरिका की ‘न्यूक्लियर ट्रायड’ की रीढ़ हैं।

2 .रूस – रूस की बोरेई-क्लास पनडुब्बियां RSM-56 बुलावा SLBM से सुसज्जित हैं।

3 .चीन – जिन-क्लास पनडुब्बियों पर तैनात JL-2 और अब JL-3 मिसाइलें चीन की रणनीतिक क्षमता को बढ़ा रही हैं।

4 .फ्रांस – ट्रायोम्फेंट-क्लास पनडुब्बियां M51 मिसाइलों से लैस हैं, जो फ्रांस को समुद्र से परमाणु हमले की ताकत देती हैं।

5 .यूके (ब्रिटेन) – अमेरिका की ट्राइडेंट मिसाइलों को ही अपनी वेंगार्ड-क्लास पनडुब्बियों में उपयोग करता है।

6 .भारत:  भारत के पास भी SLBM तकनीक है जैसे K-15 और K-4 मिसाइलें। इसे INS Arihant पनडुब्बी में लगाई गई हैं।

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