विशेष रूप से कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, गया और बक्सर जिलों में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। इन जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है और स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, दो दिनों बाद बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित होने की संभावना है। यह सिस्टम बिहार की ओर बढ़ेगा, जिससे प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों में भारी बारिश की स्थिति बन सकती है। इसके असर से न केवल तापमान में गिरावट आएगी, बल्कि आकाशीय बिजली गिरने और जलजमाव की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।
क्या कहता है मौसम विभाग?
मौसम विज्ञानी एस.के. पटेल के अनुसार, "पश्चिमी हवाओं और पुरवा के प्रभाव से प्रदेश में आद्र्रता अधिक बनी हुई है, जिससे लोगों को भारी उमस का सामना करना पड़ रहा है। बारिश की गतिविधियों में शुक्रवार के बाद तेजी आने की उम्मीद है। खासकर दक्षिण-पश्चिम बिहार में बादल सक्रिय रहेंगे।"
आम लोगों के लिए सलाह:
वज्रपात की संभावना को देखते हुए खुले मैदान या पेड़ों के नीचे खड़े होने से बचें। किसान फसलों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतें। बिजली के उपकरणों से सतर्क रहें और खराब मौसम में अनावश्यक यात्रा से परहेज करें।
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