फिटमेंट फैक्टर में भारी गिरावट की आशंका
इस रिपोर्ट के अनुसार, 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को घटाकर 1.8 किए जाने की संभावना है, जबकि 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 था। यही फैक्टर बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी का आधार होता है। यानी अगर किसी कर्मचारी का मौजूदा बेसिक वेतन ₹18,000 है, तो 1.8 के अनुसार वह लगभग ₹32,400 तक जाएगा। पहली नजर में यह बढ़ोतरी अच्छी लग सकती है, लेकिन जब मौजूदा महंगाई भत्ते (DA) को समीकरण में जोड़ा जाता है, तो स्थिति बहुत अलग नजर आती है।
13% की मामूली बढ़ोतरी – एक निराशाजनक संकेत
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कुल मिलाकर वेतन में केवल 13 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है, जो कि पिछली बार दी गई 14.3 प्रतिशत की तुलना में कम है। इसके अलावा, नया वेतन ढांचा लागू होते ही महंगाई भत्ता शून्य से शुरू होगा, क्योंकि नया वेतन उसमें शामिल होगा। इसका सीधा मतलब यह है कि फिलहाल जो DA के जरिए वेतन में राहत मिल रही है, वह नई संरचना में नहीं होगी।
उदाहरण से समझिए फर्क
मौजूदा सैलरी: ₹18,000 + 55% DA = ₹27,900, संशोधित सैलरी (1.8 फिटमेंट फैक्टर): ₹32,400 (DA नहीं), प्रभावी अंतर: ₹32,400 - ₹27,900 = ₹4,500 की वास्तविक बढ़ोतरी, यानी कि कुल बढ़ोतरी अपेक्षा से कहीं कम साबित हो सकती है।
कर्मचारी संघों की नाराजगी और मांगें
केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की प्रतिनिधि संस्था नेशनल काउंसिल (JCM) के कर्मचारी पक्ष ने इस प्रस्तावित फिटमेंट फैक्टर पर नाखुशी जताई है। वे कम से कम 2.57 के बराबर फिटमेंट फैक्टर की मांग कर रहे हैं, ताकि वेतन वृद्धि व्यावहारिक और न्यायसंगत हो।
सरकार की रणनीति और आगे की राह
अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन शुरुआती संकेत बताते हैं कि सरकार किसी संशोधित और संतुलित फार्मूले पर काम कर सकती है। संभावना है कि 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की जाएं।
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