यूपी में कर्मचारियों को पुरानी पेंशन चुनने का मौका

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने उन कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है, जो अब तक राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) से आच्छादित हैं, लेकिन पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का लाभ उठाना चाहते हैं। यह अवसर विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए है जिनकी नियुक्ति 28 मार्च 2005 से पूर्व प्रकाशित विज्ञापनों के आधार पर हुई है।

पुरानी पेंशन योजना क्यों महत्वपूर्ण है?

पुरानी पेंशन योजना कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद एक निश्चित मासिक पेंशन प्रदान करती है, जो उनकी वित्तीय सुरक्षा का मजबूत आधार होती है। एनपीएस के मुकाबले ओपीएस में पेंशन की गारंटी होती है, जबकि एनपीएस में पेंशन राशि बाजार की स्थिति पर निर्भर होती है, जिससे कर्मचारियों को अनिश्चितता का सामना करना पड़ता है।

विस्तारित समय सीमा से क्या होगा फायदा?

पहले पुरानी पेंशन योजना का विकल्प चुनने के लिए कर्मचारियों को 31 अक्टूबर 2024 तक का समय दिया गया था, लेकिन कई कारणों से कई कर्मचारी और नियुक्ति प्राधिकारी इस प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पाए। इसके मद्देनजर, प्रदेश कैबिनेट ने इस अवधि को बढ़ाकर अब 30 सितंबर 2025 तक कर दिया है। इसके साथ ही, नियुक्ति प्राधिकारी को कर्मचारियों को ओपीएस में शामिल करने के लिए आदेश जारी करने की अंतिम तिथि को 30 नवंबर 2025 तक बढ़ाया गया है। एनपीएस खाते को बंद करने की तिथि भी 28 फरवरी 2026 तक कर दी गई है।

इसका क्या मतलब है कर्मचारियों के लिए?

जो कर्मचारी अब तक एनपीएस में शामिल हैं और पुरानी पेंशन योजना का विकल्प नहीं चुन पाए थे, उनके लिए यह एक नया अवसर है। इस फैसले से वे अपनी भविष्य की वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकते हैं। वहीं, अगर कोई कर्मचारी इस नई समय सीमा तक विकल्प नहीं चुनता है, तो वह एनपीएस से ही जुड़ा रहेगा।

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