1. S-400 ट्रायम्फ (रूस)
दुनिया का सबसे उन्नत और शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम माना जाने वाला S-400 ट्रायम्फ रूस की अल्माज़ सेंट्रल डिज़ाइन ब्यूरो द्वारा विकसित किया गया है। इसकी रेंज लगभग 400 किलोमीटर और लक्ष्य को पकड़ने की ऊंचाई 56 किलोमीटर तक है। यह सिस्टम स्टील्थ विमान, क्रूज मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइल सहित सभी प्रकार के हवाई खतरों को रोक सकता है। भारत ने भी इस प्रणाली को खरीदा है, जिससे वह रक्षा के मामले में मजबूत स्थिति में है।
2. डेविड स्लिंग (इजरायल)
इजरायल और अमेरिका की संयुक्त परियोजना ‘डेविड स्लिंग’ मध्यम दूरी की एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली है। यह आयरन डोम और एरो मिसाइल सिस्टम के बीच की खाई को पूरा करता है। इसकी मारक क्षमता लगभग 300 किलोमीटर है और यह 15 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर मिसाइलों को रोक सकता है।
3. S-300VM एंटे-2500 (रूस)
S-300VM, जिसे एंटे-2500 भी कहा जाता है, रूस का एक और शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम है। यह 200 किलोमीटर तक की दूरी पर बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों को इंटरसेप्ट कर सकता है। इसकी ऊंचाई पर पकड़ 30 किलोमीटर तक है। यह सिस्टम मल्टी-चैनल ऑपरेशन में सक्षम है, यानी एक साथ कई खतरों का मुकाबला कर सकता है।
4. THAAD (अमेरिका)
टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस या THAAD सिस्टम अमेरिकी सेना का प्रमुख एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम है। इसका लक्ष्य शत्रु की बैलिस्टिक मिसाइलों को उनके अंतिम चरण में रोकना है। इसकी रेंज 200 किलोमीटर और ऊंचाई 150 किलोमीटर तक है। हाल ही में इसे इजरायल में भी तैनात किया गया है, जहां इसने सफलतापूर्वक दुश्मन की मिसाइलों को नष्ट किया।
5. MIM-104 पैट्रियट (अमेरिका)
पैट्रियट सिस्टम विश्व के सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले एयर डिफेंस सिस्टमों में से एक है। इसकी रेंज लगभग 170 किलोमीटर और अधिकतम ऊंचाई 24 किलोमीटर है। यह क्रूज मिसाइलों, बैलिस्टिक मिसाइलों और लड़ाकू विमानों के खिलाफ प्रभावी है। यूक्रेन और इजरायल सहित कई देशों में इसका उपयोग किया जाता है।
6. HQ-9 (चीन)
HQ-9 चीन का प्रमुख एयर डिफेंस सिस्टम है, जो रूस के S-300 की तरह ही काम करता है। इसकी रेंज लगभग 125 किलोमीटर और ऊंचाई 27 किलोमीटर है। यह मिसाइलें हवाई खतरों जैसे विमानों, हेलीकॉप्टरों और मिसाइलों को रोकने में सक्षम हैं। पाकिस्तान भी इस सिस्टम का उपयोग करता है, लेकिन भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसे चकमा देकर नष्ट किया था।
7. एस्टर 30 SAMP/T (फ्रांस)
फ्रांस द्वारा विकसित एस्टर 30 SAMP/T एक मोबाइल और उच्च क्षमता वाला एयर डिफेंस सिस्टम है। इसकी मिसाइलें 200 किलोमीटर से अधिक दूरी तक हवाई खतरे का सामना कर सकती हैं। यह सिस्टम एक साथ दो मिसाइलें लॉन्च कर सकता है और लड़ाकू विमानों तथा बैलिस्टिक मिसाइलों के खिलाफ प्रभावी है।
8. MEADS (अमेरिका, जर्मनी, इटली)
मीडियम एस्टेंडेड एयर डिफेंस सिस्टम (MEADS) अमेरिका, जर्मनी और इटली का संयुक्त प्रोजेक्ट है, जो पैट्रियट सिस्टम की जगह लेने के लिए विकसित किया गया। इसकी रेंज 40 किलोमीटर है और यह 360 डिग्री कवरेज प्रदान करता है।
9. बराक-8 (भारत-इजरायल)
बराक-8 मिसाइल डिफेंस सिस्टम भारत और इजरायल की साझा उपलब्धि है। यह सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जो हर मौसम में काम करती है और एक साथ कई लक्ष्यों को नष्ट कर सकती है। इसकी रेंज 16 किलोमीटर के आसपास है। भारतीय सशस्त्र बलों में इसे प्रभावी रूप से उपयोग किया जा रहा है।
10 .आयरन डोम (इजरायल)
इजरायल का आयरन डोम कम दूरी के हवाई हमलों से रक्षा करता है। इसकी मारक क्षमता 70 किलोमीटर तक है। यह मिसाइलें रॉकेट, मोर्टार, और अन्य कम दूरी के खतरों को ट्रैक कर उन्हें इंटरसेप्ट करती हैं। हाल के वर्षों में इस सिस्टम ने कई बार अपने आप को युद्ध क्षेत्र में साबित किया है।
भारत क्यों है नंबर 1?
भारत के पास अब न सिर्फ अत्याधुनिक आयातित सिस्टम हैं, बल्कि वह स्वदेशी मिसाइल रक्षा प्रणाली जैसे Akash, QRSAM, XRSAM और AAD/PAD इंटरसेप्टर भी विकसित कर चुका है। इसके साथ ही S-400, बराक-8, मेक इन इंडिया के तहत बने रडार, और DRDO द्वारा विकसित मल्टी-लेयर डिफेंस नेटवर्क भारत को भविष्य के किसी भी हवाई हमले से निपटने में पूरी तरह सक्षम बनाते हैं।
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