पिछले वर्षों से राजस्व निरीक्षक अपनी विभिन्न आवश्यकताओं के लिए मात्र 6 रुपये प्रतिमाह स्टेशनरी भत्ता प्राप्त करते थे, जो अब बढ़ाकर 500 रुपये मासिक कर दिया गया है। यह कदम लंबे समय से चली आ रही उनकी मांगों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। इस निर्णय के पीछे राजस्व परिषद का महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिसने 9 जनवरी 2025 को इस भत्ते में वृद्धि का प्रस्ताव शासन को प्रस्तुत किया था। शासन ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए तत्काल प्रभाव से इसे लागू कर दिया।
इस शासनादेश को सचिव राजस्व राम केवल द्वारा बुधवार को आधिकारिक रूप से जारी किया गया, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि यह वृद्धि राजस्व निरीक्षकों की कार्यक्षमता और काम के प्रति समर्पण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है। राजस्व निरीक्षक संघ के अध्यक्ष ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव और प्रदेश महामंत्री संजीव कुमार सिंह ने इस फैसले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति अपना हृदय से आभार व्यक्त किया है।
इस बढ़ोतरी से न केवल राजस्व कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि यह उन्हें अपने दायित्वों के प्रति और अधिक समर्पित होने के लिए प्रेरित करेगा। पिछले समय में भत्तों की मामूली राशि के कारण कई बार कर्मचारियों को अपने कार्यों में कठिनाई का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब इस फैसले से उनकी परेशानियों में कमी आएगी।
योगी सरकार द्वारा यह कदम राज्य प्रशासन में कर्मचारियों के कल्याण को प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भविष्य में भी इस प्रकार के सुधार और प्रोत्साहन नीतियां उत्तर प्रदेश में कर्मचारियों की कार्यक्षमता और मनोबल बढ़ाने में सहायक साबित होंगी
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