भारतीय अपाचे बनाम चीनी Z-10ME: इसमें कौन हैं ताकतवर?

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अब दोनों देशों ने अत्याधुनिक अटैक हेलीकॉप्टरों को अपनी सेनाओं में शामिल करना शुरू कर दिया है। एक ओर भारतीय सेना को अमेरिकी AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टरों का पहला बैच मिल चुका है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान ने भी चीन निर्मित Z-10ME को सक्रिय रूप से तैनात कर दिया है। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि यदि युद्ध जैसे हालात बनते हैं तो इनमें से कौन-सा हेलीकॉप्टर battlefield में ज्यादा कारगर साबित होगा?

अपाचे AH-64E: युद्ध का अनुभवी योद्धा

AH-64E अपाचे, जिसे दुनिया का सबसे उन्नत अटैक हेलीकॉप्टर माना जाता है, अमेरिकी सेना के साथ दशकों से कई युद्धों का हिस्सा रहा है — इराक, अफगानिस्तान और खाड़ी युद्ध जैसे संघर्षों में इसकी भूमिका अहम रही है। अपाचे की ताकत केवल उसके हथियारों में नहीं है, बल्कि उसकी सटीक टारगेटिंग, रडार तकनीक और युद्ध में अनुभव भी इसे बेहद घातक बनाते हैं।

मुख्य विशेषताएं:

गति: 280–365 किमी/घंटा

मल्टी-मिशन सक्षम: हवा से हवा और हवा से जमीन पर अटैक दोनों में दक्ष

हथियार: 30mm चेन गन, AGM-114 हेलफायर मिसाइल, हाइड्रा 70 रॉकेट

सेंसर टेक्नोलॉजी: हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले, नाइट विजन, थर्मल सेंसर, फायर कंट्रोल रडार (FCR)

टारगेटिंग क्षमता: 1 मिनट में 16 टारगेट को लॉक कर सकता है, और एक साथ 128 टारगेट ट्रैक कर सकता है

चीनी Z-10ME: एक उभरती चुनौती

Z-10ME हेलीकॉप्टर को चीन ने विशेष रूप से विदेशी ग्राहकों के लिए विकसित किया है। पाकिस्तान इसे अपने पुराने AH-1F कोबरा हेलीकॉप्टरों की जगह ला रहा है। हालांकि इसका युद्ध का अनुभव सीमित है, लेकिन चीन ने इसे अत्याधुनिक तकनीकों से लैस करने की कोशिश की है।

मुख्य विशेषताएं:

रेंज: 1120 किमी

गति: लगभग 270 किमी/घंटा

हथियार: 23mm गन, 16 एंटी टैंक मिसाइल, मल्टीपल बैरल रॉकेट लॉन्चर

इंजन: WZ-9G टर्बोशाफ्ट इंजन (सुधारित संस्करण)

प्रोटेक्शन: ग्रैफीन और सिरेमिक मिश्रित कवच, इंफ्रारेड सिग्नेचर कम करने वाली एग्जॉस्ट डिज़ाइन

सेंसर: लेजर रेंजफाइंडर, थर्मल इमेजिंग, हेलमेट माउंटेड साइट

कौन है ज़्यादा ताकतवर?

तकनीकी दृष्टि से अपाचे AH-64E Z-10ME से कई मायनों में श्रेष्ठ है — चाहे बात हो हथियारों की सटीकता की, टारगेटिंग सिस्टम की, या battlefield पर साबित क्षमता की। Z-10ME को भले ही तकनीकी रूप से सुधारा गया हो, लेकिन इसके पास प्रैक्टिकल युद्ध अनुभव की कमी है। Z-10ME की बड़ी रेंज और आधुनिक डिजाइन उसकी ताकत जरूर हैं, लेकिन यह भारतीय अपाचे के रडार, हथियार संयोजन और डिजिटल युद्धक्षमता के सामने फीका पड़ता है।

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