सरकार ने दी नई जानकारी।
सरकार ने अभी तक आठवें वेतन आयोग का औपचारिक गठन नहीं किया है, लेकिन इसके लिए टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) यानी आयोग के कार्यक्षेत्र और दिशा-निर्देश तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिससे साफ हैं की जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में जानकारी दी कि कर्मचारियों की ओर से भेजे गए सुझावों को दर्ज कर लिया गया है, और अब इन सुझावों का विश्लेषण कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) तथा व्यय विभाग (Department of Expenditure) द्वारा किया जा रहा है। इस विश्लेषण के आधार पर एक अंतिम मसौदा तैयार कर कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा, जिसके बाद आयोग के गठन की प्रक्रिया को औपचारिक रूप दिया जाएगा।
कर्मचारियों की क्या हैं मांग।
1 .कर्मचारी संगठनों की पहली और प्रमुख मांग है कि पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से बहाल किया जाए। वे चाहते हैं कि उन्हें भी रिटायरमेंट के बाद सुनिश्चित और स्थायी पेंशन का लाभ मिले।
2 .कर्मचारी चाहते हैं कि चिकित्सा सुविधाओं को पूरी तरह कैशलेस किया जाए, जिससे बिना जेब से खर्च किए बेहतर इलाज संभव हो।
3 .महंगी होती शिक्षा को देखते हुए कर्मचारियों ने मांग की है कि सरकार बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी वहन करने में सहायता करे।
4 .हथियार, केमिकल, विस्फोटक जैसे खतरनाक पदार्थों से जुड़े कार्य करने वाले कर्मचारियों के लिए रिस्क अलाउंस और बीमा कवरेज की मांग की गई है।
5 .रेलवे जैसे विभागों में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए भी विशेष जोखिम भत्ता और हार्डशिप अलाउंस का प्रस्ताव सामने रखा गया है।
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