विटामिन D: हड्डियों से लेकर हॉर्मोन तक
विटामिन D को आमतौर पर "सनशाइन विटामिन" कहा जाता है, क्योंकि यह सूर्य की किरणों से त्वचा द्वारा उत्पन्न होता है। यह विटामिन कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है और हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
पुरुषों में विटामिन D की कमी से हो सकती हैं ये समस्याएं:
हड्डियों में दर्द और कमजोरी, मांसपेशियों में ऐंठन और थकान, टेस्टोस्टेरोन स्तर में गिरावट, डिप्रेशन और मूड स्विंग्स, इम्यून सिस्टम की कमजोरी आदि।
विशेषज्ञ मानते हैं कि 30 की उम्र के बाद विटामिन D का स्तर धीरे-धीरे गिरने लगता है, जो कि ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों के झरझरेपन) जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है। पुरुषों के लिए प्रतिदिन कम से कम 600–800 IU विटामिन D की आवश्यकता होती है, जो धूप, अंडे, मशरूम, मछली और सप्लीमेंट्स के जरिए पूरी की जा सकती है।
विटामिन B12: दिमाग और तंत्रिका तंत्र का रखवाला
विटामिन B12 एक ऐसा पोषक तत्व है जो शरीर की कोशिकाओं को ऊर्जा प्रदान करता है, लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायता करता है और तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ बनाए रखता है।
पुरुषों में B12 की कमी से हो सकते हैं ये लक्षण:
अत्यधिक थकान और कमजोरी, ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत, हाथ-पैरों में झुनझुनी या सुन्नता, स्मरण शक्ति में कमी, एनीमिया (खून की कमी)
शाकाहारी पुरुषों में B12 की कमी का खतरा अधिक होता है क्योंकि यह विटामिन मुख्यतः पशु-उत्पत्ति वाले खाद्य स्रोतों (जैसे मांस, अंडा, दूध और पनीर) में पाया जाता है। ऐसे लोगों को डॉक्टर B12 सप्लीमेंट लेने की सलाह दी जाती है।
विशेषज्ञों की सलाह
डॉक्टरों का मानना है कि पुरुषों को हर साल एक बार अपने विटामिन D और B12 का लेवल चेक कराना चाहिए, खासकर यदि वे थकावट, कमजोरी या हड्डियों से जुड़ी समस्याएं अनुभव कर रहे हों। अगर नियमित डाइट से ज़रूरत पूरी नहीं हो रही है, तो डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट लेना एक सुरक्षित और कारगर उपाय हो सकता है।
0 comments:
Post a Comment