क्यों जरूरी है 8वां वेतन आयोग?
7वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था, और इसे लागू हुए 10 साल पूरे होने वाले हैं। आमतौर पर हर 10 साल बाद नया वेतन आयोग गठित किया जाता है ताकि महंगाई, जीवन स्तर और आर्थिक विकास को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों की वेतन संरचना को फिर से संतुलित किया जा सके।
क्या कहती है अब तक की टाइमलाइन?
7वां वेतन आयोग: गठित – फरवरी 2014, लागू – 1 जनवरी 2016
यूपी में लाभ: जून 2016 से मिला, यानी लगभग 5-6 महीने की देरी
8वां वेतन आयोग: मंजूरी – जनवरी 2025, लागू होने की संभावित तारीख – जनवरी 2026
अगर इसी पैटर्न को दोहराया जाए, तो यूपी में 8वें वेतन आयोग का लाभ जून से अगस्त 2026 के बीच मिलने की संभावना है। साथ ही, कर्मचारियों को 6 महीने का एरियर (बकाया वेतन) भी एकमुश्त मिल सकता है, जैसा कि 2016 में हुआ था।
यूपी सरकार की भूमिका क्या होगी?
हालांकि वेतन आयोग केंद्र सरकार का विषय है, लेकिन राज्य सरकारें अपनी वित्तीय स्थिति और जरूरतों को देखते हुए अलग से निर्णय लेती हैं कि वे सिफारिशों को कब और कैसे लागू करें। यूपी सरकार ने 7वें वेतन आयोग को थोड़ी देरी से लागू किया था, लेकिन एरियर के रूप में कर्मचारियों को पूरा लाभ दिया गया था।
इस बार भी माना जा रहा है कि: यूपी सरकार जनवरी 2026 में सिफारिशें लागू होते ही उसकी समीक्षा शुरू कर देगी। बजट और वित्तीय व्यय का आकलन करके इसे लागू करने में 5 से 7 महीने का समय लग सकता है। कर्मचारियों को संभवतः जून या जुलाई 2026 में नई सैलरी और बकाया राशि मिलने लगेगी।
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