Su-57E: अगली पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर
Su-57E, रूस का पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है जिसे अमेरिका के F-22 और F-35 की तर्ज पर विकसित किया गया है। यह विमान हवा से हवा और हवा से जमीन पर हमलों के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी सुपरक्रूज़ क्षमता — यानी बिना आफ्टरबर्नर के सुपरसोनिक गति — इसे अन्य चौथी पीढ़ी के फाइटर जेट्स से कहीं अधिक एडवांस बनाती है।
इसमें लगा AESA (Active Electronically Scanned Array) रडार, दुश्मन की गतिविधियों पर तेजी से नजर रखने में सक्षम है। भारत के लिए एक प्लस पॉइंट यह है कि Su-57E में वही लॉजिस्टिक इकोसिस्टम काम आ सकता है जो पहले से Su-30MKI के लिए मौजूद है।
S-70 Okhotnik-B: एक महत्वाकांक्षी लेकिन अप्रमाणित ड्रोन
दूसरी तरफ, S-70 Okhotnik-B एक हैवी स्टील्थ अटैक ड्रोन है जिसे Su-57 के साथ ‘loyal wingman’ की तरह काम करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसका फ्लाइंग विंग डिज़ाइन और रडार-चुप मटेरियल इसे दुश्मन के रडार से बचने में मदद करते हैं। लगभग 20 टन वजन और 20 मीटर विंगस्पैन वाले इस ड्रोन में 2.8 टन तक हथियार ले जाने की क्षमता है।
क्या भारत को यह ऑफर स्वीकार करना चाहिए?
यह तय करना भारत के लिए रणनीतिक रूप से जटिल होगा। Su-57E फाइटर जेट एक आकर्षक विकल्प है, खासकर तब जब भारत अपने खुद के AMCA प्रोजेक्ट में समय ले रहा है। लेकिन S-70 Okhotnik-B की विश्वसनीयता अभी तक युद्ध क्षेत्र में सिद्ध नहीं हो पाई है।
इसके साथ ही, भारत अब अमेरिका, फ्रांस और इजरायल जैसे देशों के साथ भी उन्नत तकनीक पर काम कर रहा है। ऐसे में किसी भी नई रक्षा डील को सिर्फ हथियार की क्षमता नहीं, बल्कि दीर्घकालिक टेक्नोलॉजिकल और रणनीतिक लाभों के आधार पर परखा जाएगा।
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