यूपी में नए सिरे से होगा ग्राम पंचायतों और वार्डों का पुनर्गठन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायतों और वार्डों के पुनर्गठन को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। प्रदेश में शहरी क्षेत्रों के विस्तार की योजना वर्तमान में विचाराधीन है और इस पर जल्द ही निर्णायक फैसले की उम्मीद है। शहरी विस्तार की प्रक्रिया पूरी हुए बिना ग्राम पंचायतों और वार्डों का पुनर्गठन करना मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि यह दोनों प्रक्रियाएं आपस में गहराई से जुड़ी हुई हैं।

पंचायतीराज विभाग ने आंशिक परिसीमन का कार्यक्रम जारी किया है, जिसमें ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के वार्डों के परिसीमन के लिए विस्तृत योजना बनाई गई है। 28 जुलाई को वार्डों की प्रस्तावित सूची का प्रकाशन भी होना है। हालांकि, नगर विकास विभाग ने नगर निकायों के सृजन और विस्तार पर लगी रोक हटाने का अनुरोध किया है ताकि शहरी क्षेत्रों का विकास सुचारू रूप से हो सके।

पंचायतीराज विभाग का स्पष्ट मानना है कि जब तक शहरी सीमाओं का विस्तार स्पष्ट रूप से निर्धारित नहीं हो जाता, तब तक परिसीमन की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। शहरी विस्तार के बिना परिसीमन अधूरा रहेगा और इससे प्रशासनिक और विकासात्मक निर्णयों में बाधा उत्पन्न हो सकती है। इसीलिए, दोनों विभागों के बीच समन्वय अत्यंत आवश्यक है।

नगर विकास विभाग द्वारा प्रस्तावित विस्तार के विषय में उच्चस्तरीय बैठकें चल रही हैं और जो भी निर्णय लिया जाएगा, उसी के आधार पर ग्राम पंचायतों और वार्डों के पुनर्गठन की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन इस प्रक्रिया को योजनाबद्ध और व्यवस्थित तरीके से पूरा करना चाहता है ताकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों का विकास संतुलित रूप से हो सके।

इस स्थिति में, यह जरूरी है कि दोनों विभाग मिलकर अपने-अपने कार्यों को समन्वयित करें और समयबद्ध तरीके से निर्णय लें, जिससे पंचायतों का पुनर्गठन और शहरी विस्तार दोनों प्रभावी और सफल हो सकें। इससे न केवल प्रशासनिक व्यवस्थाओं में सुधार होगा, बल्कि जनता को बेहतर विकास और सेवा सुविधाएं भी मिल सकेंगी।

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