एआरपी और एसआरजी का मुख्य कार्य जिले के विभिन्न स्कूलों का निरीक्षण करना और वहां शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए आवश्यक सुझाव देना है। वर्तमान में इन कर्मचारियों को प्रति माह लगभग 30 स्कूलों का निरीक्षण करना होता है, जिसमें वे एक दिन में दो से अधिक स्कूलों का दौरा नहीं कर पाते हैं। इस भत्ते में वृद्धि से न केवल उनकी यात्रा खर्चों में राहत मिलेगी, बल्कि वे अपने निरीक्षण कार्य को बेहतर और अधिक प्रभावशाली तरीके से कर सकेंगे।
बीएसए (ब्लॉक शिक्षा अधिकारी) वीरेंद्र कुमार सिंह ने इस फैसले को स्वागत योग्य बताया और कहा कि वाहन भत्ता बढ़ने से एआरपी और एसआरजी के लिए स्कूलों तक पहुंचना आसान हो जाएगा। इससे न सिर्फ समय की बचत होगी बल्कि वे शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ बेहतर संवाद स्थापित कर सकेंगे, जो शिक्षा स्तर को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
यह कदम राज्य सरकार की बेसिक शिक्षा सुधार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुधारना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है, और इसके लिए निरीक्षण टीम का कुशल और प्रभावी काम बेहद जरूरी है। वाहन भत्ते में यह वृद्धि कर्मचारियों के कामकाज में तेजी और बेहतर सुविधा प्रदान करने का एक प्रयास है।
सरकार की इस पहल से कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा और वे अपनी जिम्मेदारियों को और अधिक निष्ठा से निभाने के लिए प्रेरित होंगे। इसके साथ ही, यह भी उम्मीद की जा रही है कि बेहतर निरीक्षण के कारण शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, जिससे विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक माहौल प्राप्त होगा।
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