यूपी में अब राज्यकर्मी ले सकते हैं 25 लाख तक लोन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्यकर्मियों के हित में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए भवन निर्माण व मरम्मत हेतु अग्रिम (लोन) की सीमा में बड़ा इज़ाफा किया है। अब राज्य में कार्यरत अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी तथा राज्य सरकार के अधिकारी और कर्मचारी अधिकतम 25 लाख रुपये तक का लोन भवन निर्माण के लिए तथा 10 लाख रुपये तक का लोन भवन मरम्मत के लिए ले सकेंगे। यह निर्णय राज्य सरकार की मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में पारित किया गया, जो कि सरकारी कर्मचारियों के लिए एक राहतभरी खबर लेकर आया है।

पहले क्या था, अब क्या बदला?

इससे पहले, भवन निर्माण के लिए अधिकतम 7.5 लाख रुपये और मरम्मत के लिए केवल 1.80 लाख रुपये का ही प्रावधान था। यह राशि वर्तमान समय की निर्माण लागतों के लिहाज़ से काफी कम पड़ रही थी। नई व्यवस्था में यह राशि बढ़ाकर क्रमशः 25 लाख और 10 लाख रुपये कर दी गई है, जिससे अब राज्यकर्मियों को अपने घर का सपना साकार करने में काफी मदद मिलेगी।

ब्याज दरों में राहत

केवल राशि में ही नहीं, ब्याज दरों में भी कर्मचारियों को राहत दी गई है। पहले यह दर 9 प्रतिशत थी, लेकिन अब इसे घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया गया है। पहले यह व्यवस्था थी कि समय से किश्तों का भुगतान करने पर ब्याज दर में 2.5% की छूट मिलती थी, लेकिन अब 7.5% की दर को स्थायी रूप से लागू कर दिया गया है। इससे न केवल प्रक्रिया आसान होगी, बल्कि सभी कर्मचारियों को एक समान लाभ भी मिलेगा।

केंद्र सरकार के समान लाभ

इस निर्णय से उत्तर प्रदेश के राज्यकर्मी अब भवन निर्माण और मरम्मत के मामले में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर खड़े हो गए हैं। नई व्यवस्था के तहत राज्यकर्मी 34 माह के मूल वेतन के बराबर की राशि तक का लोन ले सकेंगे, जिसकी अधिकतम सीमा 25 लाख रुपये होगी। यह परिवर्तन कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांगों में से एक था।

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