भारत बना रहा 'Astra MK-3': दुश्मनों के उड़े होश

नई दिल्ली। भारत की रक्षा प्रणाली एक बार फिर तकनीकी प्रगति की ऊंचाइयों को छू रही है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) अब एक नई अत्याधुनिक एयर-टू-एयर मिसाइल विकसित कर रहा है — ‘अस्त्र Mk-3’, जिसे अब 'गांडीव' नाम दिया गया है। यह नाम महाभारत के महान धनुर्धारी अर्जुन के दिव्य धनुष से लिया गया है, जो इसकी ताकत, सटीकता और रणनीतिक महत्ता का प्रतीक है।

क्या है गांडीव मिसाइल?

गांडीव एक लंबी दूरी की बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) एयर-टू-एयर मिसाइल है, जो भारतीय वायु सेना (IAF) को हवा में दुश्मन के विमानों, रिफ्यूलिंग टैंकर और अवाक्स जैसे हाई-वैल्यू टारगेट्स को बेहद दूर से खत्म करने की क्षमता देगी। DRDO द्वारा विकसित यह मिसाइल भारत की आत्मनिर्भर रक्षा रणनीति का एक और सशक्त कदम है।

तकनीकी खूबियां जो गांडीव को बनाती हैं खास

1 .SFDR तकनीक: गांडीव में दुनिया की सबसे उन्नत प्रणालियों में से एक — सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट — का इस्तेमाल किया गया है। यह तकनीक मिसाइल को हवा से ऑक्सीजन लेकर जलने की अनुमति देती है, जिससे इसकी गति और रेंज दोनों में जबरदस्त इजाफा होता है।

2 .अत्यधिक रफ्तार: गांडीव 4.5 मैक (ध्वनि की गति से 4.5 गुना) की अविश्वसनीय रफ्तार से उड़ान भर सकती है।

3 .लंबी दूरी तक मार करने की क्षमता: 20 किलोमीटर की ऊंचाई पर यह 340 किलोमीटर तक दुश्मन को भेद सकती है। 8 किलोमीटर की ऊंचाई पर इसकी रेंज लगभग 190 किलोमीटर तक रहती है।

4 .सटीक और शक्तिशाली टारगेटिंग: यह मिसाइल दुश्मन के लड़ाकू विमानों, रिफ्यूलिंग टैंकर और हवाई चेतावनी प्रणाली (AWACS) जैसे टारगेट्स को बेहद प्रभावी तरीके से निशाना बना सकती है।

दुनिया की अग्रणी मिसाइलों को देगी चुनौती

गांडीव का प्रदर्शन इसे दुनिया की टॉप एयर-टू-एयर मिसाइलों की सूची में खड़ा कर देता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह चीन की PL-15 और अमेरिका की AIM-174 जैसी मिसाइलों से भी उन्नत हो सकती है, विशेष रूप से इसकी SFDR तकनीक और लंबी रेंज के कारण।

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