यूपी सरकार का बड़ा कदम: हर दो ग्राम पंचायतों में तैनात होंगी 'विद्युत सखी'

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त बनाने और बिजली विभाग की बिल वसूली को प्रभावी बनाने के लिए शुरू की गई विद्युत सखी योजना अब तेजी से विस्तार कर रही है। यह योजना न केवल बिजली बिलों के संग्रहण में सहायता कर रही है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में भी अहम भूमिका निभा रही है।

योजना का प्रारंभ और वर्तमान स्थिति

मई 2020 में शुरू हुई विद्युत सखी योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों (SHGs) से जुड़ी महिलाओं को ट्रेनिंग देकर उन्हें बिजली बिल वसूली का काम सौंपा गया। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में बिजली कनेक्शन से जुड़े लेन-देन को पारदर्शी, आसान और महिलाओं के नेतृत्व में संचालित करना था।

बता दें की अब तक कुल 14,229 विद्युत सखियां सक्रिय हैं, जिन्होंने 2,100 करोड़ रुपये का बिजली बिल राजस्व जमा कराया है, जिससे उन्होंने 26.56 करोड़ रुपये का कमीशन भी कमाया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अकेले 13.40 करोड़ रुपये का कमीशन इन सखियों को मिला, जो उनकी आर्थिक उन्नति का प्रमाण है।

योजना का विस्तार और बदलाव

पहले योजना में चार ग्राम पंचायतों पर एक विद्युत सखी तैनात की जाती थी, लेकिन अब योजना को और प्रभावी बनाने के लिए इसे संशोधित करते हुए हर दो ग्राम पंचायतों पर एक विद्युत सखी तैनात करने का निर्णय लिया गया है। इससे न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली सेवा का बेहतर विस्तार होगा, बल्कि महिलाओं को रोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण का बड़ा अवसर भी मिलेगा।

यूपी राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (UPSRLM) अब 16,000 से अधिक नई विद्युत सखियों को शामिल करने की तैयारी कर रहा है, जिससे कुल संख्या 31,000 तक पहुंच सकेगी। इसके लिए पंजीकरण के साथ-साथ प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि विद्युत सखियां अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभा सकें।

निष्क्रिय सखियों को सक्रिय करने की पहल

कुछ विद्युत सखी सक्रियता से काम नहीं कर रही हैं। ऐसी महिलाओं की पहचान कर उन्हें पुनः सक्रिय करने और आवश्यक प्रोत्साहन देने का प्रयास किया जा रहा है। यदि वे सक्रिय नहीं होती हैं, तो उनकी जगह अन्य योग्य महिलाओं को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी ताकि योजना की प्रभावशीलता बनी रहे।

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