थायराइड ग्रंथि शरीर में मेटाबॉलिज्म, हार्मोनल संतुलन और ऊर्जा के स्तर को नियंत्रित करती है। जब यह ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती, तो शरीर पर कई नकारात्मक असर दिखने लगते हैं। हालांकि, थायराइड की शुरुआत में ही यदि कुछ चीजों को आहार में शामिल कर लिया जाए, तो इस समस्या को बढ़ने से रोका जा सकता है और थायराइड ग्रंथि को संतुलित रखा जा सकता है।
1. अश्वगंधा
अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो थायराइड हार्मोन (विशेष रूप से हाइपोथायराइडिज़्म) को संतुलित करने में बेहद प्रभावी मानी जाती है। यह शरीर में तनाव के हार्मोन कोर्टिसोल को नियंत्रित करता है और थायराइड ग्रंथि को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है। अश्वगंधा का चूर्ण या कैप्सूल डॉक्टर की सलाह से लिया जा सकता है।
2. अलसी के बीज
अलसी ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होती है। यह थायराइड के कारण होने वाली सूजन को कम करने में मदद करती है और हार्मोन बैलेंस बनाए रखती है। एक चम्मच पिसी हुई अलसी को रोजाना पानी या दही में मिलाकर लेना लाभदायक हो सकता है।
3. दही और फर्मेंटेड फूड्स
थायराइड की शुरुआत में पाचन तंत्र पर असर पड़ता है। दही और अन्य फर्मेंटेड फूड्स (जैसे किमची, कांजी, छाछ) शरीर में गट हेल्थ को सुधारते हैं और इम्यून सिस्टम को मज़बूत करते हैं। खासकर ऑटोइम्यून थायराइड (जैसे हाशिमोटो) में ये खाद्य पदार्थ काफी लाभकारी माने जाते हैं।
4. सेंधा नमक या आयोडीन युक्त नमक
थायराइड हार्मोन के निर्माण के लिए आयोडीन एक अनिवार्य खनिज है। आयोडीन की कमी से हाइपोथायराइडिज़्म हो सकता है। नियमित भोजन में आयोडीन युक्त सेंधा नमक या आयोडीन युक्त समुद्री नमक का सीमित मात्रा में उपयोग करने से थायराइड के लक्षणों को नियंत्रण में लाया जा सकता है।
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