इन परियोजनाओं का उद्देश्य न सिर्फ यात्रा को तेज़ और सुगम बनाना है, बल्कि राज्य को व्यापार, पर्यटन, लॉजिस्टिक्स और निवेश के एक नए केंद्र के रूप में स्थापित करना भी है। आइए जानें इन पाँच महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं के बारे में विस्तार से।
1. रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे (लगभग 650 किमी)
यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे बिहार के रक्सौल से शुरू होकर पश्चिम बंगाल के हल्दिया बंदरगाह तक जाएगा। यह न केवल भारत-नेपाल व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग बनेगा, बल्कि बिहार के व्यापारिक हब्स को भी सीधे बंदरगाह से जोड़ देगा।
स्थिति: डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार है, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है।
लाभ: रक्सौल से हल्दिया की यात्रा जो पहले 17-18 घंटे लेती थी, अब महज 9-10 घंटे में पूरी होगी।
वित्तीय पक्ष: अनुमानित लागत ₹39,000 से ₹54,000 करोड़ तक।
2. गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे (लगभग 519 किमी; बिहार में ~417 किमी)
यह एक्सप्रेस-वे पूर्वी उत्तर प्रदेश को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से जोड़ेगा, जो उत्तर-पूर्व भारत का प्रवेश द्वार है।
स्थिति: मार्ग निर्धारण (alignment) को मंजूरी मिल चुकी है। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है।
लाभ: बिहार के 8 ज़िलों को लाभ, और दिल्ली से उत्तर-पूर्व भारत तक सीधा संपर्क।
लागत: कुल अनुमानित खर्च ₹38,645 करोड़, जिसमें बिहार का हिस्सा ₹27,552 करोड़ है।
3. पटना–पूर्णिया एक्सप्रेस-वे (लगभग 282 किमी)
यह छह लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे राज्य की राजधानी पटना को पूर्णिया से जोड़ेगा, जिससे कोसी और सीमांचल क्षेत्रों की कनेक्टिविटी सुधरेगी।
स्थिति: डीपीआर पूरी हो चुकी है, भूमि अधिग्रहण शुरू है। निर्माण 2025 के मध्य से शुरू होने की संभावना है।
लाभ: पटना से पूर्णिया की यात्रा समय 8 घंटे से घटकर 3 घंटे रह जाएगी।
लागत: अनुमानित ₹18,042 करोड़।
4. बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे (लगभग 300 किमी)
इस परियोजना का उद्देश्य पश्चिमी बिहार (बक्सर) से पूर्वी बिहार (भागलपुर) के बीच तेज़ कनेक्टिविटी स्थापित करना है।
स्थिति: पहले इसे ग्रीनफील्ड के रूप में प्रस्तावित किया गया था, पर अब मौजूदा सड़कों के उन्नयन के रूप में डीपीआर तैयार की जा रही है।
लाभ: राज्य के लगभग 12 जिलों को लाभ होगा, यात्रा समय 9 घंटे से घटकर 4 घंटे होगा।
लागत: ~₹3,750 करोड़ से अधिक।
5. वाराणसी–कोलकाता एक्सप्रेस-वे (बिहार में लगभग 159 किमी हिस्सा)
यह 710 किमी लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे पूर्वी भारत के दो बड़े शहरों वाराणसी और कोलकाता को जोड़ेगा। बिहार इसका एक महत्वपूर्ण पड़ाव होगा।
स्थिति: प्रधानमंत्री द्वारा फरवरी 2024 में शिलान्यास किया गया, निर्माण प्रक्रिया प्रगति पर है।
लाभ: बिहार के दक्षिणी जिलों को नई औद्योगिक और व्यापारिक संभावनाएँ मिलेंगी।
यात्रा समय: कुल यात्रा समय में 3–4 घंटे की बचत होगी।
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