बिहार में 'महिलाओं' के लिए ये 5 बड़ी खुशखबरी

पटना। बिहार सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के हित में 35% हॉरिजॉन्टल रिजर्वेशन में डोमिसाइल पॉलिसी लागू करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इसके साथ ही, सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन में वृद्धि, बैंक लोन पर ब्याज कटौती, आशा और ममता कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि, तथा महिला उद्यमी योजना जैसे कई अहम कदम उठाए हैं। 

1. 35% हॉरिजॉन्टल रिजर्वेशन में डोमिसाइल पॉलिसी लागू

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 35% हॉरिजॉन्टल रिजर्वेशन लागू करने का फैसला किया है। इस पॉलिसी के तहत महिलाओं को प्राथमिकता मिलेगी, खासकर पढ़ी-लिखी महिलाओं को इससे काफी फायदा होगा। डोमिसाइल पॉलिसी के साथ यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बिहार की महिलाएं सरकारी सेवाओं में बेहतर प्रतिनिधित्व प्राप्त करें।

2. विधवा महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा पेंशन में भारी वृद्धि

सामाजिक सुरक्षा पेंशन में भी मुख्यमंत्री ने बड़ी बढ़ोतरी की है। अब बिहार में विधवा महिलाओं को मिलने वाली पेंशन को 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये कर दिया गया है। यह कदम उन महिलाओं के जीवन में आर्थिक स्थिरता और सम्मान की भावना लाने वाला साबित होगा।

3. जीविका दीदियों के बैंक लोन पर ब्याज कटौती

स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी जीविका दीदियों के लिए भी राहत भरी खबर आई है। अगर जीविका दीदी 3 लाख रुपये से अधिक बैंक लोन लेती हैं तो उन्हें 3% ब्याज की कटौती का लाभ मिलेगा। इससे उन्हें अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी और आर्थिक आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।

4. आशा और ममता कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि

स्वास्थ्य और मातृत्व सेवा से जुड़ी आशा और ममता कार्यकर्ताओं के लिए भी मुख्यमंत्री ने उनके मानदेय में वृद्धि की घोषणा की है। आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय अब 1000 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये और ममता कार्यकर्ताओं का मानदेय 300 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये कर दिया गया है। यह वृद्धि उनके काम को सम्मान देने और बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए प्रेरित करेगी।

5. मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना से बड़ा लाभ

बिहार सरकार की मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना महिलाओं को व्यवसाय शुरू करने में मदद करती है। इस योजना के तहत महिलाओं को 10 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाती है, जिसमें 50% राशि ब्याज मुक्त ऋण के रूप में होती है। इससे महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर अपने सपनों को पूरा कर सकती हैं।

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