8वें वेतन आयोग: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ा अपडेट?

नई दिल्ली। देश के करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की निगाहें इन दिनों एक ही सवाल पर टिकी हैं। आखिर 8वां वेतन आयोग कब बनेगा? जनवरी 2025 में इसकी मंजूरी के संकेतों के बाद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। न आयोग की अधिसूचना जारी हुई, न अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति। नतीजतन, लाखों कर्मचारियों में असमंजस और बेचैनी लगातार बढ़ रही है।

गठन में देरी: प्रक्रिया या राजनीति?

वित्त मंत्रालय का तर्क है कि वेतन आयोग के गठन से पहले विभिन्न मंत्रालयों, राज्य सरकारों और कर्मचारी संगठनों से सुझाव लिए जा रहे हैं। यह प्रक्रिया लंबी है, लेकिन इसके पीछे यह भी देखा जा रहा है कि क्या सरकार इस पूरे मॉडल को बदलने की दिशा में सोच रही है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा संसद में दिया गया बयान “उचित समय पर अधिसूचना जारी की जाएगी” फिलहाल कर्मचारियों के लिए राहत से ज्यादा भ्रम की स्थिति बना रहा है।

क्या 2026 की समयसीमा भी टल सकती है?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 8वें वेतन आयोग को 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाना प्रस्तावित है। लेकिन जिस तरह से प्रक्रिया में सुस्ती है, उससे संकेत मिलते हैं कि यह कार्यान्वयन 2027 के अंत या 2028 की शुरुआत तक खिसक सकता है।

फिटमेंट फैक्टर: वेतन में कितनी बढ़ोतरी संभव?

वेतन संशोधन की मुख्य कुंजी फिटमेंट फैक्टर होता है। इस बार इसका दायरा 1.8 से 2.86 के बीच बताया जा रहा है। यदि 2.86 का फार्मूला स्वीकार होता है, तो मौजूदा न्यूनतम मूल वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹51,480 तक पहुंच सकता है। इसी अनुपात में पेंशन में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी। हालांकि, इसका एक असर यह होगा कि मौजूदा डीए (महंगाई भत्ता) शून्य से शुरू होगा, क्योंकि इसे नए मूल वेतन में समाहित कर दिया जाएगा।

8 वें वेतन आयोग से कर्मचारी संगठनों की प्रमुख मांगें

वर्तमान हालात में कर्मचारी संगठनों की आवाजें बुलंद हो रही हैं। उनकी प्रमुख मांगें हैं: 8वें वेतन आयोग का शीघ्र गठन और अधिसूचना जारी हो। पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली। रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति। वेतन संशोधन के लिए एक स्वचालित व्यवस्था जिससे हर 10 साल पर आयोग गठन की जरूरत न हो।

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