भारत अब किसी से पीछे नहीं! अमेरिका-रूस जैसी ताकत, चीन हैरान

नई दिल्ली। दुनिया अब भारत को एक उभरती नहीं, बल्कि स्थापित होती महाशक्ति के रूप में देखने लगी है। रक्षा तकनीक और अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत ने हाल के वर्षों में जो कामयाबियाँ हासिल की हैं, वे केवल देश के लिए नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए आश्चर्य का विषय बन गई हैं। अब भारत कई ऐसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में अमेरिका और रूस की कतार में खड़ा है, जिनमें कभी केवल महाशक्तियों का वर्चस्व था। चीन भी भारत की इन सफलताओं को देखकर हैरान है।

1. हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक

हाइपरसोनिक हथियारों की रफ्तार ध्वनि की गति से पांच गुना ज्यादा होती है, जिसे रोकना किसी भी रक्षा प्रणाली के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। भारत ने DRDO के ज़रिए हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) का सफल परीक्षण कर यह साबित कर दिया कि वह इस अत्याधुनिक क्लब में शामिल हो चुका है। यह तकनीक न केवल अगली पीढ़ी की मिसाइलों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भविष्य की हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की नींव भी रखती है।

2. एंटी-सैटेलाइट मिसाइल (ASAT)

मार्च 2019 में भारत ने 'मिशन शक्ति' के तहत एक लाइव सैटेलाइट को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक मार गिराया। इस परीक्षण के साथ भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा ऐसा देश बना, जिसने अंतरिक्ष में किसी सैटेलाइट को निशाना बनाने की क्षमता साबित की। इस उपलब्धि ने न केवल भारत की तकनीकी दक्षता को दुनिया के सामने रखा, बल्कि यह भी बताया कि भारत अब अंतरिक्ष युद्ध की स्थिति में भी तैयार है।

3. स्पेस में तेजी से बढ़ता कद

ISRO की साख पहले ही विश्वस्तरीय थी, लेकिन चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग, गगनयान मिशन की तैयारियाँ, और PSLV तथा SSLV जैसे लॉन्च व्हीकल्स की सफलता ने भारत को विश्व अंतरिक्ष शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया है। आज भारत अंतरिक्ष प्रक्षेपण सेवाओं का प्रमुख प्रदाता बन चुका है, जहां कई देश अपने उपग्रहों के लिए ISRO पर निर्भर हैं।

4. लेज़र वेपन सिस्टम का विकास

भविष्य की लड़ाइयाँ अब पारंपरिक हथियारों से नहीं, बल्कि Directed Energy Weapons से लड़ी जाएंगी। भारत इस दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। DRDO हाई एनर्जी लेज़र सिस्टम पर काम कर रहा है, जिसका प्रयोग दुश्मन के ड्रोन, मिसाइल या विमानों को हवा में ही नष्ट करने के लिए किया जा सकता है। अमेरिका और रूस पहले ही इस क्षेत्र में अग्रणी हैं, लेकिन भारत की प्रगति उन्हें सीधी टक्कर दे रही है।

5. स्क्रैमजेट इंजन तकनीक

भारत ने अपने हाइपरसोनिक वाहन HSTDV में स्क्रैमजेट इंजन का उपयोग कर यह दिखा दिया कि वह भविष्य की एयर-ब्रीदिंग मिसाइल तकनीक में भी कदम रख चुका है। स्क्रैमजेट तकनीक हवा से ऑक्सीजन लेकर अत्यधिक रफ्तार से मिसाइल को उड़ाने में सक्षम बनाती है। यह तकनीक बेहद जटिल मानी जाती है और अब तक सिर्फ कुछ ही देशों के पास है जिनमें भारत अब शुमार हो चुका है।

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