1. आंखों के आसपास सूजन
किडनी जब ठीक से काम नहीं करती, तो शरीर में अतिरिक्त फ्लूइड और विषैले तत्व (toxins) बाहर नहीं निकल पाते। इसका परिणाम अक्सर चेहरे और आंखों के नीचे सूजन के रूप में दिखता है। इसे पेरिऑर्बिटल एडिमा कहा जाता है। अगर यह सूजन खासकर सुबह के समय अधिक नजर आए और लंबे समय तक बनी रहे, तो इसे हल्के में न लें — यह एक शुरुआती संकेत हो सकता है कि किडनी ठीक से काम नहीं कर रही।
2. लाल आंखें और रक्तस्राव
किडनी डैमेज से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होना आम है। इससे आंखों की नाजुक रक्त नलिकाएं फट सकती हैं, जिससे आंखें लाल नजर आने लगती हैं। साथ ही, किडनी की खराबी से एनीमिया भी हो सकता है, जिसके कारण आंखों का सफेद हिस्सा लाल या पीला दिखाई देने लगता है। यदि बिना किसी एलर्जी या इन्फेक्शन के आंखों में लगातार लालिमा बनी रहे, तो यह किडनी से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकता है।
3. धुंधला दिखना या दृष्टि में गड़बड़ी
जब शरीर में टॉक्सिन्स बढ़ते हैं, तो इसका असर आंखों की रोशनी पर भी पड़ता है। खासकर डायबिटिक मरीजों में किडनी डैमेज के साथ रेटिनोपैथी भी देखने को मिलती है, जिससे धुंधलापन या नजर कमजोर होने लगती है। यदि आपको अचानक से आंखों के सामने धुंध सी नजर आने लगे या चीजें साफ न दिखें, तो यह सिर्फ आंखों की नहीं बल्कि किडनी की गंभीर चेतावनी हो सकती है।
4. आंखों में सूखापन और खुजली
किडनी खराब होने पर शरीर में यूरिया और अन्य विषैले तत्व जमा हो जाते हैं, जिससे त्वचा और आंखों में खुजली, जलन और सूखापन महसूस होता है। यह स्थिति यूरेमिक प्रुरिटस के नाम से जानी जाती है। साथ ही, किडनी की बीमारी से शरीर में विटामिन-ए की कमी भी हो सकती है, जो आंखों के सूखेपन और जलन को बढ़ा देती है।
क्या करें अगर ये लक्षण दिखें?
इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें, खासकर यदि आप डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं। तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ और नेफ्रोलॉजिस्ट (किडनी विशेषज्ञ) से संपर्क करें। ब्लड टेस्ट (क्रिएटिनिन, यूरिया, GFR) और यूरीन एनालिसिस करवाना जरूरी हो सकता है।
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