यूपी में 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए बड़ी खबर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा माध्यमिक स्तर पर छात्रों के लिए व्यावसायिक शिक्षा को अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया हैं। कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को अब 23 व्यावसायिक क्षेत्रों में से किसी एक क्षेत्र से जुड़ा कोई एक जॉब रोल सीखना अनिवार्य होगा। सरकार ने इन ट्रेड्स के अंतर्गत करीब 76 तरह के जॉब रोल निर्धारित किए हैं, जो निश्चित रूप से छात्रों के व्यावहारिक कौशल और भविष्य की रोजगार संभावनाओं को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

सकारात्मक पहलू

यह योजना छात्रों को पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक दक्षता प्रदान करने का अवसर देती है। इससे न केवल छात्रों को अपने रुचि के क्षेत्रों में प्रारंभिक प्रशिक्षण मिलेगा, बल्कि ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में युवा आत्मनिर्भर बन सकेंगे। विशेष रूप से उन छात्रों के लिए, जो आर्थिक कारणों से उच्च शिक्षा नहीं ले पाते, यह व्यावसायिक प्रशिक्षण भविष्य में स्वरोजगार या नौकरी के बेहतर अवसर खोल सकता है।

जमीनी चुनौतियाँ

हालाँकि नीति उद्देश्य में सराहनीय है, लेकिन इसके क्रियान्वयन को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि स्कूलों को इन पाठ्यक्रमों के संचालन की पूरी जिम्मेदारी खुद उठानी होगी। न तो राज्य सरकार से किसी प्रकार की वित्तीय सहायता दी जा रही है, न ही प्रशिक्षकों की नियुक्ति या संसाधनों की व्यवस्था में मदद की बात की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों की स्थिति पहले ही संसाधनों की भारी कमी से जूझ रही है।

स्कूल प्रबंधनों की चिंताएं

अनेक स्कूल प्रबंधनों ने इस योजना का समर्थन तो किया है, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि प्रत्येक विद्यालय के लिए इन 23 ट्रेड्स में से किसी एक को भी शुरू कर पाना अपने आप में एक चुनौती है। प्रशिक्षित शिक्षक, उपकरण और लैब जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के बिना यह योजना कागजों तक ही सीमित रह सकती है।

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