बिहार में स्कूलों से गायब शिक्षकों की अब खैर नहीं

पटना। बिहार सरकार ने सरकारी स्कूलों में अनुशासन और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब शिक्षक अगर स्कूल में हाज़िरी दर्ज कर चुपचाप ग़ायब हो जाते हैं, तो उनकी यह चालाकी ज़्यादा दिन नहीं चलने वाली। शिक्षा विभाग ने इस पर सख़्त निगरानी के निर्देश दिए हैं और खास बात ये है कि अब इस निगरानी में आम जनता, मुखिया, वार्ड सदस्य और गांव के लोग भी शामिल रहेंगे।

राज्य के अपर मुख्य सचिव, डॉ. एस. सिद्धार्थ ने इस सिलसिले में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों और अन्य संबंधित अधिकारियों को एक विस्तृत निर्देश पत्र जारी किया है। इसके तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर शिक्षक समय पर स्कूल आए और विद्यालय परिसर के अंदर ही अपनी हाज़िरी दर्ज करे। अगर कोई शिक्षक बाहर से मोबाइल ऐप या किसी अन्य तरीके से उपस्थिति दर्ज करता है, तो वह उपस्थिति अमान्य मानी जाएगी।

गांव वाले भी बनेंगे शिक्षा प्रहरी

सरकार ने तय किया है कि यदि ग्रामीण जनता, पंचायत प्रतिनिधि या कोई भी जागरूक नागरिक यह पाते हैं कि कोई शिक्षक सिर्फ हाज़िरी लगाकर स्कूल से निकल जाता है, तो वे सीधे टोल-फ्री नंबर 14417 या 18003454417 पर इसकी शिकायत कर सकते हैं। इस शिकायत की जांच होगी और दोषी पाए जाने पर संबंधित शिक्षक पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

प्रमुख शिक्षकों पर बढ़ेगी जिम्मेदारी

प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापकों को अब यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे अपने स्कूल के सभी शिक्षकों की उपस्थिति और समय पालन की निगरानी करें। विद्यालय छोड़ने से पहले शिक्षकों को अवकाश की स्वीकृति लेना अनिवार्य कर दिया गया है। बिना अनुमति छुट्टी लेने वालों की सूचना तुरंत जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी जाएगी।

बच्चों की सुरक्षा भी बनी प्राथमिकता

इस नए निर्देश में बच्चों की सुरक्षा और जवाबदेही को भी विशेष प्राथमिकता दी गई है। अगर किसी कारणवश कोई छात्र विद्यालय समय से पहले स्कूल छोड़ता है, तो उसका विवरण विशेष रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा और साथ ही अभिभावकों को फोन कर इसकी जानकारी दी जाएगी। यह व्यवस्था बच्चों की सुरक्षा और पारदर्शिता दोनों को मजबूत बनाएगी।

शिक्षा में सुधार की दिशा में ठोस कदम

सरकार का यह कदम सिर्फ शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए नहीं है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में अनुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही लाने का भी एक प्रयास है। जब शिक्षक नियमित और समयबद्ध रूप से विद्यालय में उपस्थित रहेंगे, तभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी।

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