कैसे तय होता है DA? जानिए पूरा गणित
महंगाई भत्ते की गणना AICPI (All-India Consumer Price Index) के आधार पर की जाती है। यह इंडेक्स देश में बढ़ती या घटती महंगाई का पैमाना होता है, जिसे श्रम मंत्रालय के लेबर ब्यूरो द्वारा हर महीने जारी किया जाता है। जनवरी से जून तक के AICPI आंकड़ों को मिलाकर जुलाई से मिलने वाले महंगाई भत्ते का निर्धारण किया जाता है।
इस बार जनवरी 2025 से जून 2025 तक के आंकड़े कुछ इस प्रकार रहे: जनवरी से जून 2025 तक AICPI इंडेक्स क्रमशः 143.2, 142.8, 143.0, 143.5, 144.0 और 145.0 रहा, जिससे DA स्कोर 56.39% से बढ़कर 58.18% तक पहुंच गया। जून 2025 में AICPI इंडेक्स 145 पर पहुंच गया, जिससे DA स्कोर 58.18% हो गया। चूंकि सरकार दशमलव के बाद के अंश पर विचार नहीं करती, इसलिए इसे 58% पर स्थिर माना गया है।
सैलरी पर कितना फर्क पड़ेगा? (एक उदाहरण)
अगर किसी कर्मचारी की बेसिक-पे ₹40,000 प्रति माह है, तो DA बढ़ने से उसका कितना फायदा होगा, ये देखें: पुराना DA (55%) = ₹22,000, नया DA (58%) = ₹23,200, मासिक बढ़ोतरी = ₹1,200, सालाना बढ़ोतरी = ₹14,400, यह गणना केवल बेसिक-पे पर आधारित है। अन्य भत्ते जैसे HRA आदि भी DA बढ़ने पर अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होते हैं।
सरकार घोषणा में क्यों लेती है समय?
हालांकि DA की दरें जुलाई से लागू होती हैं, लेकिन कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही इसका औपचारिक ऐलान होता है। आमतौर पर यह घोषणा सितंबर के अंत या अक्टूबर की शुरुआत में की जाती है। पिछली घोषणाओं की तरह, इस बार भी अक्टूबर 2025 में ही सरकार की तरफ से आधिकारिक सूचना जारी होने की संभावना है।
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