मुख्य विशेषताएं जो नाग Mk-2 को बनाती हैं खास:
1 .स्वदेशी विकास
नाग मार्क-2 पूरी तरह भारत में डिजाइन और विकसित की गई है, जिससे ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों को मजबूती मिलती है। इसका निर्माण भारत के तकनीकी कौशल और अनुसंधान क्षमताओं का जीवंत उदाहरण है।
2 .तीसरी पीढ़ी की तकनीक
यह मिसाइल तीसरी पीढ़ी की ATGM है, जिसका मतलब है कि यह "लॉक ऑन-बिफोर-लॉन्च" और "फायर-एंड-फॉरगेट" जैसे आधुनिक फीचर्स से लैस है। लॉन्च के बाद इसे किसी गाइडेंस की जरूरत नहीं होती — यह अपने लक्ष्य को खुद ढूंढ़कर नष्ट करती है।
3 .फायर-एंड-फॉरगेट सिस्टम
नाग Mk-2 का सबसे बड़ा प्लस पॉइंट यही है। यह एक बार लक्ष्य पर लॉक करने के बाद खुद बखुद उसे खत्म कर देती है। इससे ऑपरेटर को खतरे में पड़े बिना लक्ष्य को भेदा जा सकता है।
4 .7 से 10 किलोमीटर की रेंज
नाग Mk-2 की अनुमानित रेंज 7 से 10 किलोमीटर है, जो इसे लंबी दूरी से हमला करने में सक्षम बनाती है। यह खासकर सीमाई क्षेत्रों में टैंक रोधी ऑपरेशनों के लिए उपयुक्त है।
5 .विविध प्लेटफॉर्म्स से लॉन्च
यह मिसाइल न केवल ज़मीनी वाहन NAMICA (Nag Missile Carrier) से दागी जा सकती है, बल्कि इसे ALH (Advanced Light Helicopter) से भी लॉन्च किया जा सकता है। यानी यह एयर और ग्राउंड दोनों प्लेटफॉर्म्स से ऑपरेट की जा सकती है।
6 .अवरोधन क्षमता (Anti-ERA Capability)
यह मिसाइल Explosive Reactive Armour (ERA) से लैस आधुनिक टैंकों को भी निष्क्रिय करने में सक्षम है। इसका शक्तिशाली वारहेड बेहद ताकतवर बख्तरबंद वाहनों को भी भेद सकता है।
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