भारत की 'रुद्रम' मिसाइलें: चीन-पाक को कर देगी जाम!

नई दिल्ली – भारत की सैन्य ताकत दिन-ब-दिन नई ऊंचाइयों को छू रही है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की एक और बड़ी कामयाबी अब चर्चा में है — 'रुद्रम' मिसाइल फैमिली। अगर भविष्य में भारत को अपने दुश्मनों पर जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी, तो रुद्रम मिसाइलें सबसे पहली कतार में खड़ी होंगी। 'रुद्रम-2' और 'रुद्रम-3' जैसी मिसाइलें भारतीय वायुसेना को एक निर्णायक बढ़त देने वाली टेक्नोलॉजी साबित हो सकती हैं। ये पाकिस्तान को जाम करने की ताकत रखती हैं।

रुद्रम मिसाइलें क्या हैं?

‘रुद्रम’ मिसाइलें एंटी-रेडिएशन मिसाइलें (ARM) हैं, जिन्हें खास तौर पर दुश्मन के रडार और एयर डिफेंस सिस्टम को खत्म करने के लिए डिजाइन किया गया है। ये मिसाइलें दुश्मन के कम्युनिकेशन और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को जड़ से उखाड़ सकती हैं। DRDO द्वारा विकसित इन मिसाइलों की ताकत इतनी ज्यादा है कि ये हवाई युद्ध की रणनीति को पूरी तरह बदल सकती हैं।

1. रुद्रम-2: हवा से मौत की दस्तक

रेंज: 330 किलोमीटर

स्पीड: 5.5 मैक (हाइपरसोनिक)

पेलोड: 200 किलोग्राम

2. रुद्रम-3: दुश्मन पर दूर से ही वार

रेंज: लगभग 550 किलोमीटर

स्पीड: हाइपरसोनिक

कुल वजन: 600-700 किलोग्राम

पेलोड क्षमता: 200 किलोग्राम

रुद्रम-3 रेंज और ताकत के मामले में अपनी श्रेणी की सबसे शक्तिशाली मिसाइल मानी जा रही है। लंबी दूरी से टारगेट पर अचूक निशाना साधने वाली यह मिसाइल दुश्मन के एयर बेस, रडार स्टेशनों और कमांड कंट्रोल सेंटर्स को मिनटों में ध्वस्त कर सकती है।

इन फाइटर जेट्स से जोड़ी जा सकती हैं रुद्रम मिसाइलें

रुद्रम मिसाइलें भारतीय वायुसेना के कई अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों के साथ इंटीग्रेट की जा सकती हैं: Su-30MKI, मिराज 2000, जगुआर, तेजस, तेजस मार्क-2 (भविष्य का फाइटर जेट), इसका मतलब यह है कि भारतीय वायुसेना के पास एक अत्याधुनिक, लचीलापन रखने वाला हथियार है, जिसे किसी भी मिशन में इस्तेमाल किया जा सकता है।

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