बिहार में फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई: नौकरी जाएगी

भागलपुर। बिहार में फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी करने वाले शिक्षकों पर शिकंजा कसता जा रहा है। भागलपुर जिले में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (Vigilance Investigation Bureau) की ताज़ा कार्रवाई के तहत दो प्रखंडों के सात फर्जी नियोजित शिक्षकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई फर्जी बीटीईटी (BTET) अंक पत्रों के ज़रिए अवैध नियुक्ति के मामले में की गई है।

किन शिक्षकों पर हुई कार्रवाई?

निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, भागलपुर प्रक्षेत्र के इंस्पेक्टर की ओर से दर्ज एफआईआर में जिन शिक्षकों के नाम सामने आए हैं, वे निम्नलिखित हैं:

राजेश कुमार मिश्रा व रुबी कुमारी – मध्य विद्यालय, जीतवारपुर, नाथनगर

विवेक कुमार – प्राथमिक विद्यालय, बिक्रमपुर गोलपर, बिहपुर

नीरज कुमार निराला – मध्य विद्यालय (कन्या), राघोपुर

सोनी कुमारी – मध्य विद्यालय, शाहपुर राघोपुर

शिवरानी कुमारी – मध्य विद्यालय, नरकटिया

गोपाल नंदन – मध्य विद्यालय, लत्तीपुर

इन सभी शिक्षकों के बीटीईटी प्रमाण पत्रों को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना द्वारा फर्जी पाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इन लोगों ने अन्य अज्ञात व्यक्तियों की मदद से मार्कशीट में हेरफेर कर उसे असली दिखाया और नियोजन में अवैध लाभ उठाया।

पहले भी हुई थी बड़ी कार्रवाई

यह पहली बार नहीं है जब भागलपुर में फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई की गई हो। इससे पहले जिले में निगरानी जांच के दौरान 114 ऐसे फर्जी शिक्षक पाए गए थे, जिनमें से अब तक 65 को हटाया जा चुका है। राज्य स्तर पर 2015 से 2023 के बीच कुल 2126 शिक्षकों पर फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने के मामले में केस दर्ज हो चुके हैं।

आगे क्या होगी कार्रवाई?

डीपीओ (स्थापना) के अनुसार, फिलहाल इन शिक्षकों का वेतन तत्काल प्रभाव से बंद किया जाएगा। इसके बाद संबंधित नियोजन इकाइयों को इन्हें सेवा से हटाने के लिए पत्र भेजा जाएगा। साथ ही इन मामलों में अन्य संदिग्धों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

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