F-35 बनाम Su-57: कौन है असली आसमानी शेर?

न्यूज डेस्क: पाँचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की दुनिया में दो नाम सबसे ज़्यादा चर्चा में रहते हैं — अमेरिका का F-35 Lightning II और रूस का Su-57 Felon। दोनों ही जेट आधुनिक तकनीक से लैस हैं, लेकिन सवाल ये उठता है: इनमें से असली आसमानी शेर कौन है? आइए 6 प्रमुख पहलुओं में इन दोनों की तुलना करें।

1.डिज़ाइन और स्टेल्थ टेक्नोलॉजी

F-35 को स्टेल्थ (रडार से बचने) के लिहाज से बेहद उन्नत माना जाता है। इसका डिज़ाइन खासतौर पर रडार को चकमा देने के लिए बनाया गया है। जबकि Su-57 में भी स्टेल्थ फीचर है, लेकिन इसका डिज़ाइन पारंपरिक रूसी जेट्स की तरह थोड़ा आक्रामक और खुला है, जिससे इसकी रडार पर पकड़ थोड़ी आसान हो जाती है।

2. इंजन की ताकत और थ्रस्ट-वे

Su-57 में थ्रस्ट वेक्टरिंग (Nozzles की दिशा बदलने की क्षमता) दी गई है, जिससे यह ज़बरदस्त मेन्यूवरबिलिटी (उड़ान में बदलाव) दिखाता है। जबकि F-35 में यह सुविधा सीमित है। यह एयर-टू-एयर लड़ाई में थोड़ा धीमा लग सकता है।

3.एवियोनिक्स और सेंसर सिस्टम

F-35 की सबसे बड़ी ताकत इसकी नेटवर्क-सेंट्रिक वॉरफेयर कैपेबिलिटी है — यानी ये जेट युद्ध के मैदान की पूरी जानकारी साझा कर सकता है। जबकि Su-57 में भी आधुनिक सेंसर हैं, लेकिन इसकी सिचुएशनल अवेयरनेस और डेटा लिंक उतने उन्नत नहीं माने जाते।

4. दोनों की हथियार प्रणाली

F-35 में इंटरनल वेपन बे है जिससे स्टेल्थ बना रहता है, और लेजर गाइडेड मिसाइल, AIM-120, और JDAM जैसे स्मार्ट हथियारों से लैस है। जबकि Su-57 में भी उन्नत मिसाइलें जैसे R-77 और Kinzhal जैसी हाइपरसोनिक मिसाइलों का विकल्प है।

5.ऑपरेशनल स्टेटस और सर्विस रिकॉर्ड

F-35 अब 15+ देशों की वायुसेनाओं में सेवा में है और युद्ध के अनुभव भी प्राप्त कर चुका है। जबकि Su-57 अभी सीमित संख्या में रूस के पास है और पूरी तरह ज्यादा ऑपरेशनल नहीं है।

6. रणनीतिक प्रभाव और ग्लोबल उपयोग

F-35 एक ग्लोबल प्रोजेक्ट है जिसमें कई नाटो देश शामिल हैं, जिससे इसका रणनीतिक प्रभाव बहुत बड़ा है। जबकि Su-57 को रूस के अलावा कुछ गिने-चुने देश ही खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं।

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