क्या है पिनाका Mk-3?
पिनाका Mk-3, DRDO की आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ARDE) के नेतृत्व में तैयार किया गया है। इसे अन्य रक्षा प्रयोगशालाओं और निजी क्षेत्र के सहयोग से विकसित किया गया है। यह प्रणाली पिनाका रॉकेट सिस्टम के पिछले संस्करणों की तुलना में कहीं अधिक आधुनिक, मारक और रणनीतिक रूप से सक्षम है।
संस्करण: अधिकतम रेंज
पिनाका Mk-I: 40 किमी
पिनाका Mk-II: 60-90 किमी
गाइडेड पिनाका: 75-90 किमी
पिनाका Mk-3: 120 किमी रेंज
पिनाका Mk-3 की प्रमुख विशेषताएं:
रेंज: 120 किलोमीटर तक की मारक क्षमता
लॉन्च क्षमता: एक बार में 12 रॉकेट दागने में सक्षम
तेज़ तैनाती: किसी भी टेरेन में कम समय में तैनात करने योग्य
सटीकता: आधुनिक गाइडेंस सिस्टम से लैस, GPS आधारित टार्गेटिंग
स्वदेशी तकनीक: पूरी तरह भारत में विकसित, "आत्मनिर्भर भारत" को बल
स्मार्ट वारहेड्स: विभिन्न प्रकार के टार्गेट के लिए कस्टमाइज़ किया जा सकता है
रणनीतिक महत्त्व
यह सिस्टम चीन की लंबी दूरी की तोपखानों और पाकिस्तान की मल्टी-बैरल रॉकेट प्रणालियों का मुकाबला करने में भारतीय सेना को नई ताकत देगा। एलएसी (Line of Actual Control) और एलओसी (Line of Control) जैसे संवेदनशील मोर्चों पर तैनाती की संभावना को देखते हुए यह रॉकेट सिस्टम भविष्य में भारतीय रक्षा रणनीति का अहम हिस्सा बन सकता है।
भविष्य की योजनाएं: 300 किमी तक मारक क्षमता
DRDO फिलहाल 200-300 किलोमीटर रेंज वाले पिनाका वेरिएंट पर भी काम कर रहा है। ये वेरिएंट पिनाका को शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम की श्रेणी में ला सकते हैं, जो भारत की सामरिक क्षमता को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाएगा।
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