प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह पारिश्रमिक केवल उन्हीं शिक्षामित्रों को मिलेगा, जिनकी समर कैंप में ड्यूटी लगाई गई है। ये समर कैंप 21 मई से शुरू होकर 10 जून तक चलेंगे, जिनका आयोजन माध्यमिक एवं जूनियर स्तर के परिषदीय विद्यालयों में किया जा रहा है।
अनुदेशकों की कमी पर निभा रहे हैं जिम्मेदारी
उच्च प्राथमिक विद्यालयों में समर कैंप की जिम्मेदारी सामान्यतः अनुदेशकों को दी जाती है, लेकिन जिन विद्यालयों में अनुदेशक उपलब्ध नहीं हैं, वहां शिक्षामित्रों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इन परिस्थितियों में निकटतम विद्यालय के शिक्षामित्रों की ड्यूटी लगाई गई है, ताकि बच्चों की सीखने की प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।
बच्चों के लिए रचनात्मक गतिविधियां
समर कैंप के दौरान कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को विभिन्न शैक्षणिक एवं रचनात्मक गतिविधियों में सम्मिलित किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य बच्चों के सीखने के अनुभव को समृद्ध बनाना और ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान भी उन्हें शिक्षण से जोड़े रखना है।
पहली बार समर कैंप में शिक्षामित्रों को पारिश्रमिक
यह पहली बार है जब शिक्षामित्रों को ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान समर कैंप की जिम्मेदारी दी गई है और इसके बदले में उन्हें पारिश्रमिक भी प्रदान किया जा रहा है। यह न केवल शिक्षामित्रों के लिए एक सकारात्मक संदेश है, बल्कि इससे उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में भी सुधार की संभावना है।
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