प्रबंधन की तैयारी ज़ोरों पर
बिजली विभाग के अभियंताओं द्वारा निजीकरण के खिलाफ कार्य बहिष्कार की स्थिति में विभाग के प्रबंधन ने मोर्चा संभालने के लिए एक व्यापक योजना बनाई है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने यह दावा किया है कि शहरी क्षेत्रों के हर बिजली उपकेंद्र में 18 आउटसोर्स कर्मी, और ग्रामीण क्षेत्रों में 12 कर्मी तैनात किए जाएंगे। इन कर्मियों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि किसी तकनीकी परेशानी के समय वे प्रभावी ढंग से काम कर सकें।
आईटीआई पास कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण
इन कर्मियों में आईटीआई पास युवाओं, मीटर लगाने वाली एजेंसियों, ट्रांसफार्मर कार्यशालाओं और ठेकेदारों के अनुभवी लोगों को चुना गया है। 27 और 28 मई को इन कर्मियों को शटडाउन प्रक्रिया, बिजली उपकेंद्र संचालन और उपभोक्ता सेवा से जुड़े तकनीकी प्रशिक्षण दिए जाएंगे। इसके साथ ही हर कर्मी के साथ एक अनुभवी व्यक्ति भी तैनात किया जाएगा जिससे फील्ड में कामकाज सुचारु रूप से चलता रहे।
कंट्रोल रूम और हेल्पलाइन नंबर की विशेष व्यवस्था
प्रबंधन ने सभी ज़िलों में जहां मुख्य अभियंता बैठते हैं, वहां कंट्रोल रूम स्थापित किए हैं। वहीं, उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान के लिए हेल्पलाइन नंबर 1912 को एक्टिव मोड में लाया गया है। इस हेल्पलाइन पर तैनात कर्मियों को विशेष काउंसलिंग दी जा रही है कि वे हर कॉल को प्राथमिकता देकर संबंधित फील्ड कर्मियों तक तेजी से पहुंचाएं।
उपभोक्ता सेवाएं बनी रहेंगी चुनौती
हालांकि, विभाग द्वारा कई व्यवस्थाएं की गई हैं, लेकिन बिल संशोधन, नए कनेक्शन, मीटर इंस्टॉलेशन जैसे कार्यों पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा अभियंताओं की नाराजगी को देखते हुए कई वरिष्ठ अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग में हिस्सा नहीं ले रहे हैं, जिससे प्रबंधन की योजना पर असर पड़ सकता है।
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