इस पहल का उद्देश्य तकनीकी शैक्षणिक संस्थानों और उद्योग जगत के बीच समन्वय स्थापित करना है, ताकि छात्र केवल डिग्रीधारी न रहकर भविष्य के सफल उद्यमी भी बन सकें। विज्ञान, प्रावैधिकी और तकनीकी शिक्षा विभाग ने सभी संस्थानों के प्राचार्यों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि समर कैंप की योजना बनाते समय स्थानीय उद्यमियों से संपर्क करें और उन्हें भी इस प्रक्रिया में शामिल करें, ताकि छात्रों को जमीनी स्तर की व्यावसायिक चुनौतियों से परिचय हो सके।
कार्यक्रम के अंतर्गत छात्रों को यह भी बताया जाएगा कि वे बिना ब्याज के किस प्रकार वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं और किसी व्यवसाय को शुरू करने के लिए कौन-कौन से जरूरी कदम उठाए जाएं। यह स्टार्टअप प्रोग्राम बिहार सरकार के महत्वाकांक्षी ‘सात निश्चय’ कार्यक्रम के अंतर्गत चलाया जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान समय में तकनीकी शिक्षा और उद्योगों के बीच गहरी समझ और सहयोग की आवश्यकता है। ऐसे में यह कार्यक्रम छात्रों को न सिर्फ उद्योगों की वास्तविक जरूरतों से अवगत कराएगा, बल्कि उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए भी तैयार करेगा।
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