अब स्कूल बनेगा आरक्षण की इकाई
नई व्यवस्था के तहत हर स्कूल को एक इकाई मानकर आरक्षण लागू किया जाएगा। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी स्कूल में पांच शिक्षक पद स्वीकृत हैं, तो तीन पद सामान्य वर्ग के होंगे, जबकि एक-एक पद ओबीसी और एससी वर्ग के लिए आरक्षित किया जाएगा। यदि पहले से सामान्य वर्ग के तीन शिक्षक कार्यरत हैं, तो बचे दो पदों पर क्रमशः ओबीसी और एससी वर्ग के अभ्यर्थियों की नियुक्ति होगी। हालांकि, प्रधानाध्यापक के पदों पर आरक्षण लागू नहीं किया जाएगा।
लंबे समय से अटका था मामला
यह भर्ती 1504 सहायक अध्यापक और 390 प्रधानाध्यापक पदों के लिए होनी है। भर्ती परीक्षा 17 अक्तूबर 2021 को आयोजित की गई थी, लेकिन परिणामों को लेकर विवाद खड़ा हो गया। कई अभ्यर्थियों ने अंक विवाद को लेकर याचिकाएं दाखिल कीं, जिसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर 12 अप्रैल 2022 को एक जांच समिति गठित की गई। समिति द्वारा की गई जांच में 132 शिकायतें सही पाई गईं और उसके आधार पर 6 सितंबर 2022 को संशोधित परिणाम जारी किया गया।
स्कूलों में ताले लगने की नौबत
आरक्षण के स्तर को लेकर असमंजस के चलते बीते तीन वर्षों से भर्ती अधर में लटकी हुई थी। परिणामस्वरूप कई स्कूलों में शिक्षक न होने के कारण ताले तक लगने की नौबत आ गई थी। अब, स्कूल स्तर पर आरक्षण की स्पष्टता से उम्मीद है कि रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति होगी और शैक्षिक गतिविधियां पटरी पर लौटेंगी।
जल्द जारी होगा शासनादेश
बेसिक शिक्षा विभाग ने संशोधित प्रस्ताव शासन को भेज दिया है और जल्द ही इसका शासनादेश जारी होने की उम्मीद जताई जा रही है। सफल अभ्यर्थियों से राज्य स्तर पर आवेदन लेकर सूची जिलों को भेजी जाएगी, जिसके आधार पर आगे की भर्ती प्रक्रिया पूरी होगी।
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