यूपी में बायोमेट्रिक हाजिरी न लगाने वाले ये कर्मी होंगे बर्खास्त

लखनऊ। यूपी के 42 जिलों में प्रस्तावित बिजली आपूर्ति के निजीकरण के विरोध में 29 मई से होने जा रहे कार्य बहिष्कार को देखते हुए उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने सख्त रुख अपना लिया है। हड़ताल के दौरान बायोमेट्रिक हाजिरी न लगाने वाले कर्मचारियों को सीधे बर्खास्त करने की चेतावनी दी गई है।

ऊर्जा विभाग में अलर्ट मोड:

UPPCL के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने शक्ति भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी मुख्य अभियंताओं के साथ आपूर्ति व्यवस्था की समीक्षा की और स्पष्ट निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी कर्मचारी की बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं होती है, तो उसे हड़ताल में शामिल मानते हुए कठोर कार्रवाई की जाएगी।

तोड़फोड़ पर त्वरित कार्रवाई:

यदि किसी लाइन में जानबूझकर तोड़फोड़ (सबोटाज) की जाती है, तो उस क्षेत्र के संबंधित टीजी-2, जूनियर इंजीनियर (JE) और संविदाकर्मियों को तत्काल बर्खास्त किया जाएगा। वहीं, यदि किसी खंड का कैश काउंटर बंद पाया जाता है, तो संबंधित कर्मियों का वेतन रोकने का आदेश भी दिया गया है।

राजस्व पर सख्त निगरानी:

राजस्व वसूली, बिल वितरण, कनेक्शन स्वीकृति और बिल संशोधन जैसे कार्यों में किसी प्रकार की ढिलाई पर भी कार्रवाई होगी। डॉ. गोयल ने साफ कहा कि मई माह से वेतन आहरण केवल बायोमेट्रिक उपस्थिति के आधार पर ही किया जाएगा।

शांतिपूर्ण विरोध को दी छूट, लेकिन...

पावर कॉर्पोरेशन अध्यक्ष ने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध करना हर संगठन का अधिकार है, लेकिन उपभोक्ताओं की सुविधा से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेवा शर्तों को लेकर संवाद के लिए सरकार हमेशा तैयार है, लेकिन बिजली व्यवस्था कैसे चलेगी, यह तय करना सरकार का विशेषाधिकार है। आंदोलित संगठनों की ओर से आश्वासन दिया गया है कि विद्युत आपूर्ति बाधित नहीं होगी, फिर भी UPPCL ने सब स्टेशन स्तर तक वैकल्पिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

0 comments:

Post a Comment