दुनिया की टॉप-5 सबसे महंगी मिसाइलें – कीमत चौंका देगी!

न्यूज डेस्क। दुनिया के कई देश सुरक्षा और सामरिक ताकत के लिए अत्याधुनिक हथियारों में भारी निवेश कर रहे हैं। इनमें मिसाइल तकनीक सबसे अहम मानी जाती है। कुछ मिसाइलें इतनी महंगी हैं कि उनकी कीमत सुनकर कोई भी हैरान रह जाए। आइए जानते हैं दुनिया की टॉप-5 सबसे महंगी मिसाइलों के बारे में, जिनकी कीमत करोड़ों में नहीं, बल्कि अरबों में है।

1 .ट्राइडेंट मिसाइल – ₹5,38,93,67,750

ट्राइडेंट मिसाइल को दुनिया की सबसे महंगी मिसाइल माना जाता है। इसे अमेरिका की नौसेना इस्तेमाल करती है और यह पनडुब्बी से लॉन्च की जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है। इसमें थर्मोन्यूक्लियर वारहेड लगे होते हैं, जो इसे बेहद घातक बनाते हैं। इसकी लंबाई 44 फीट और वजन करीब 80 टन है। ट्राइडेंट मिसाइल दुश्मन पर सटीक और विनाशकारी प्रहार करने में सक्षम है।

2 .पैट्रियट मिसाइल – ₹24,87,37,050

अमेरिका की यह मिसाइल एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली का हिस्सा है, जो सतह से हवा में मार करने की क्षमता रखती है। हालांकि इसकी प्रभावशीलता पर सवाल भी उठ चुके हैं। खाड़ी युद्ध के दौरान अमेरिका ने इसकी सफलता दर 97% बताई थी। आज भी यह कई देशों की डिफेंस प्रणाली का हिस्सा है। इसकी कीमत भी बहुत अधिक हैं।

3 .टॉमहॉक क्रूज मिसाइल – ₹12,43,68,525

टॉमहॉक एक लंबी दूरी की, सबसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसे किसी भी मौसम में और किसी भी तरह के भूभाग में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह मिसाइल अब तक कई युद्धों में अहम भूमिका निभा चुकी है और अमेरिका की नौसेना के साथ-साथ रॉयल नेवी में भी सक्रिय है। इसकी मारक क्षमता और सटीकता इसे बेहद खास बनाती है।

4 .मीडियम रेंज एयर टू सरफेस क्रूज मिसाइल – ₹4,71,73,940

MRASM मिसाइल एक क्रूज मिसाइल प्रोटोटाइप थी, जो कभी पूरी तरह से सक्रिय सेवा में नहीं आई। यह टॉमहॉक मिसाइल के AGM 109 H/L वेरिएंट पर आधारित है। इसकी रेंज कम है लेकिन तकनीकी दृष्टि से यह काफी उन्नत मानी जाती है। हालांकि इसे कभी बड़े स्तर पर इस्तेमाल नहीं किया गया।

5 .हाई स्पीड एंटी रेडिएशन मिसाइल (HARM) – ₹2,35,45,517

यह मिसाइल हवा से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइल है, जिसे खासतौर पर दुश्मन के रडार सिस्टम को निशाना बनाने के लिए तैयार किया गया है। यह मिसाइल 1985 से सेवा में है और इसे कई बड़े सैन्य अभियानों में प्रयोग किया गया है, जैसे – खाड़ी युद्ध, कोसोवो युद्ध, इराक युद्ध और लीबिया संघर्ष।

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