इस पहल के तहत कुल 1227 करोड़ रुपये की राशि छह प्रमुख पेंशन योजनाओं के अंतर्गत लाभार्थियों को हस्तांतरित की जाएगी। खास बात यह है कि पहली बार इन्हें बढ़ी हुई पेंशन राशि प्राप्त होगी, जो पहले 400 रुपये थी और अब इसे बढ़ाकर 1100 रुपये कर दिया गया है। यह सरकार की सामाजिक न्याय और जनकल्याण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
पूरे राज्य में उत्सव जैसा माहौल
राज्य सरकार ने इस ऐतिहासिक दिन को "पेंशन उत्सव" के रूप में मनाने का फैसला किया है। यह आयोजन न केवल एक आर्थिक सहायता का प्रतीक होगा, बल्कि सामाजिक समावेशन और सम्मान की भावना को भी प्रबल करेगा। मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि आयोजन को सुनियोजित और भव्य तरीके से किया जाए। मुख्यमंत्री के संबोधन को सभी आयोजन स्थलों पर लाइव दिखाने की व्यवस्था की जा रही है।
आयोजन की व्यापक तैयारियाँ
38 जिलों के मुख्यालयों, 534 प्रखंड मुख्यालय, 8053 ग्राम पंचायत, और लगभग 43,790 राजस्व ग्रामों में यह आयोजन एक साथ किया जाएगा। इसमें करीब 60 लाख से अधिक लाभार्थियों की सक्रिय भागीदारी की उम्मीद है। लाभुकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सभी स्थलों पर भोजन, शुद्ध पेयजल और बैठने की उचित व्यवस्था की जाएगी। इसके अतिरिक्त, पेंशन योजना की जानकारी देने के लिए एक लघु फिल्म (5 मिनट) और एक संक्षिप्त टीवी विज्ञापन (1 मिनट) भी दिखाया जाएगा, जिससे लोगों में जागरूकता और भरोसा बढ़े।
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