फाइटर जेट्स की नई क्रांति: 5th जनरेशन विमानों की रेस में कौन-कौन हैं?

नई दिल्ली। दुनिया के रक्षा समीकरणों में फाइटर जेट्स की भूमिका हमेशा निर्णायक रही है। लेकिन अब यह दौड़ सिर्फ ताकतवर इंजन या हथियारों की नहीं, बल्कि तकनीक, स्टील्थ, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और नेटवर्क सेंसर फ्यूज़न की हो गई है। यही कारण है कि दुनिया की महाशक्तियाँ और उभरते राष्ट्र 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स की होड़ में लगे हैं। यह एक नई तकनीकी क्रांति है, जो भविष्य के युद्धों का चेहरा बदल सकती है।

5वीं पीढ़ी के विमानों की विशेषताएं क्या हैं?

5वीं जनरेशन फाइटर जेट्स केवल रफ्तार या हथियार क्षमता से नहीं, बल्कि उनके 'अदृश्य' रहने की काबिलियत (stealth), रडार से बचाव, सुपरक्रूज़ (लंबे समय तक सुपरसोनिक उड़ान), उन्नत एवियोनिक्स, नेटवर्क-सेंट्रिक वारफेयर और AI-सक्षम सेंसर फ्यूज़न से परिभाषित होते हैं। ये विमान हवा में शत्रु का पता लगाने, उससे पहले हमला करने और बिना देखे लौट आने की क्षमता रखते हैं।

दुनिया के प्रमुख 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान:

1. अमेरिका – F-22 Raptor और F-35 Lightning II

2. चीन – Chengdu J-20 और J-35

3. रूस – Sukhoi Su-57 और Su-75 Checkmate

अन्य देश भी रेस में हैं:

1 .भारत – AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft)

भारत का स्वदेशी 5वीं पीढ़ी का प्रोजेक्ट AMCA अब तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। इसकी पहली उड़ान 2028-29 तक तय है और इसमें अत्याधुनिक रडार, AI-सक्षम कॉकपिट, स्टील्थ डिज़ाइन और भविष्य में 6वीं पीढ़ी की क्षमताएं शामिल होंगी।

2 .दक्षिण कोरिया – KF-21 Boramae

KF-21 का पहला उड़ान परीक्षण 2022 में हुआ। यह फाइटर 5वीं पीढ़ी की ओर एक बड़ा कदम है, और कोरिया इसे 2030 तक पूरी तरह ऑपरेशनल बनाना चाहता है।

3 .तुर्की – TAI TF-Kaan

तुर्की का TF-Kaan भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित कर रहा है। 2024 में इसकी पहली उड़ान हुई है और यह F-16 की जगह लेने की तैयारी में है।

4 .जापान, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली – अगली पीढ़ी की संयुक्त परियोजनाएं

जापान और ब्रिटेन GCAP (Global Combat Air Programme) पर काम कर रहे हैं, जबकि फ्रांस और जर्मनी FCAS प्रोजेक्ट को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।

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