बिहार में खेतों की 'सिंचाई' के लिए डीजल अनुदान

पटना: बिहार सरकार ने राज्य के किसानों को राहत देने के उद्देश्य से डीजल अनुदान योजना की घोषणा की है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में अनियमित मानसून, सूखा या अल्पवृष्टि जैसे हालातों से निपटने के लिए यह कदम उठाया गया है। योजना के कार्यान्वयन के लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है।

सरकार की इस योजना के तहत किसानों को खरीफ फसलों की सिंचाई के लिए डीजल पर अनुदान मिलेगा। प्रति एकड़ एक सिंचाई के लिए अनुमानित 10 लीटर डीजल की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, 75 रुपये प्रति लीटर की दर से कुल 750 रुपये प्रति एकड़ प्रति सिंचाई का अनुदान तय किया गया है।

विशेष प्रावधान

1 .धान का बीचड़ा और जूट फसल: इन फसलों के लिए दो सिंचाई की आवश्यकता को देखते हुए किसानों को 1,500 रुपये प्रति एकड़ का अनुदान मिलेगा।

2 .धान, मक्का, दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जियां, औषधीय एवं सुगंधित पौधे: इन फसलों के लिए अधिकतम तीन सिंचाई की अनुमति होगी, जिसके तहत किसानों को 2,250 रुपये प्रति एकड़ तक का डीजल अनुदान दिया जाएगा।

3 .अधिकतम सीमा: एक किसान को अधिकतम 8 एकड़ भूमि के लिए डीजल अनुदान मिलेगा। इसका मतलब यह हुआ कि कोई भी किसान अधिकतम 18,000 रुपये तक का लाभ ले सकता है।

आवेदन प्रक्रिया

राज्य सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे निर्धारित समयसीमा में आवेदन करें। आवेदन प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाने के लिए ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध कराए जा रहे हैं। किसान अपने नजदीकी कृषि कार्यालय या पंचायत स्तर पर जाकर भी आवेदन कर सकते हैं।

सरकार का उद्देश्य

राज्य कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस योजना का उद्देश्य है किसानों को समय पर सिंचाई के लिए प्रोत्साहित करना ताकि सूखे या कम वर्षा की स्थिति में भी फसल उत्पादन पर असर न पड़े। डीजल आधारित सिंचाई अभी भी बिहार के कई हिस्सों में किसानों का एकमात्र विकल्प है, खासकर वहां जहां बिजली या सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई की सुविधा उपलब्ध नहीं है।

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