नई दिल्ली। दुनिया जिस दौर में आधुनिक युद्ध तकनीकों की होड़ में जुटी है, वहां भारत अब सिर्फ पीछे दौड़ने वाला देश नहीं, बल्कि अमेरिका और रूस जैसी महाशक्तियों की बराबरी करने वाला ताकतवर खिलाड़ी बन चुका है। चीन, जो तकनीक में हमेशा एक कदम आगे रहने की कोशिश करता है, भारत की हालिया प्रगति से हैरान है। चाहे बात हो लेजर हथियारों की, हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक की, अंतरिक्ष सुरक्षा की या फिर एंटी-सैटेलाइट सिस्टम की — भारत तेजी से वैश्विक ताकत बनने की ओर अग्रसर है।
1. लेजर हथियार: युद्ध का भविष्य, भारत की मजबूत तैयारी
लेजर हथियार यानी Directed Energy Weapons (DEW) आज के समय में युद्ध का भविष्य माने जा रहे हैं। ये बेहद सटीक, तेज़ और कम लागत वाले हथियार होते हैं, जो दुश्मन के ड्रोन्स, मिसाइलों या विमानों को सेकंडों में नष्ट कर सकते हैं। भारत ने हाल ही में सफलतापूर्वक ऐसे लेजर हथियारों का परीक्षण किया है, जो दूर तक के टारगेट को बिना आवाज़ या विस्फोट के खत्म कर सकते हैं।
2. हाइपरसोनिक मिसाइल: भारत भी अब सुपरफास्ट रेस में
हाइपरसोनिक हथियार वे मिसाइलें होती हैं जो आवाज़ की गति से 5 गुना (Mach 5) या उससे भी अधिक तेजी से चलती हैं। अभी तक अमेरिका, रूस और चीन ही इस तकनीक में आगे थे। लेकिन भारत ने भी HSTDV (Hypersonic Technology Demonstrator Vehicle) के सफल परीक्षण के साथ इस रेस में प्रवेश कर लिया है। यह भारत के भविष्य की रक्षा प्रणाली का एक बड़ा आधार बनने जा रहा है, जिससे दुश्मन को समय रहते जवाब देना लगभग असंभव हो जाएगा।
3. एंटी-सैटेलाइट मिसाइल (ASAT): मिशन शक्ति से मिली नई पहचान
भारत ने 27 मार्च 2019 को ‘मिशन शक्ति’ के तहत एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराकर दुनिया को चौंका दिया था। यह एक ऑपरेशनल एंटी-सैटेलाइट मिसाइल टेस्ट था, जिसे भारत ने स्वदेशी तकनीक से अंजाम दिया। इससे भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा ऐसा देश बना जो अंतरिक्ष में दुश्मन की सैटेलाइट को मार गिराने में सक्षम है। यह सिर्फ एक परीक्षण नहीं था, बल्कि भारत की स्पेस डिफेंस नीति की मजबूत घोषणा थी।
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