यह अभियान जिलाधिकारी के नेतृत्व और जिला सड़क सुरक्षा समिति (DRSC) के समन्वय से पूरे प्रदेश में सख्ती से लागू किया जाएगा। सरकार का उद्देश्य साफ है की सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली जानमाल की हानि को रोकना और नागरिकों में हेलमेट पहनने की आदत को मजबूती से विकसित करना।
सड़क सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम
उत्तर प्रदेश की सड़कों पर आए दिन हो रही दुर्घटनाएं सरकार के लिए चिंता का विषय रही हैं। इनमें से अधिकांश हादसे दोपहिया वाहन चालकों की हेलमेट न पहनने की वजह से गंभीर या जानलेवा साबित होते हैं। इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने यह कड़ा लेकिन ज़रूरी फैसला लिया है।
पेट्रोल पंप संचालकों की जिम्मेदारी
राज्य के सभी पेट्रोल पंपों को निर्देश दिए गए हैं कि वे 1 सितंबर से बिना हेलमेट दोपहिया चालकों को पेट्रोल न दें। यदि कोई पंप संचालक नियम का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी और जिला प्रशासन इस पर सख्त निगरानी रखेंगे।
जनभागीदारी से मिलेगी सफलता
योगी सरकार ने आमजन से अपील की है कि वे इस अभियान में प्रशासन और प्रवर्तन एजेंसियों का सहयोग करें। यह अभियान केवल कानून लागू करने का माध्यम नहीं है, बल्कि लोगों को जागरूक करने की एक कोशिश है कि सड़क पर सुरक्षा से बड़ा कोई विकल्प नहीं।
सिर्फ एक महीने नहीं, आदत बनाएं
‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ अभियान 1 से 30 सितंबर तक चलेगा, लेकिन इसका उद्देश्य एक स्थायी आदत विकसित करना है। सरकार चाहती है कि नागरिक केवल नियमों के डर से नहीं, बल्कि अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए हेलमेट पहनना शुरू करें।
0 comments:
Post a Comment