उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण शिक्षा को नई उड़ान देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। राज्य की 11,350 ग्राम पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की जा रही है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का पहला चरण शुरू हो चुका है, जिसमें कुल ₹454 करोड़ रुपये की लागत से इन आधुनिक पुस्तकालयों का निर्माण किया जाएगा। प्रत्येक लाइब्रेरी पर औसतन ₹4 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।
बता दें की पहले चरण के बाद सरकार की योजना है कि अगले चरण में एक और 11,350 ग्राम पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की जाए। इस प्रकार, दो चरणों में कुल 22,700 ग्राम पंचायतों को डिजिटल लाइब्रेरी से जोड़ा जाएगा।
कौन-कौन सी सुविधाएं मिलेंगी?
डिजिटल लाइब्रेरी में कंप्यूटर, फर्नीचर और हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्शन की व्यवस्था की जा रही है। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (NBT) के सहयोग से चयनित ई-बुक्स उपलब्ध कराई जाएंगी। पंचायत भवनों में दो कमरों और एक हॉल वाले भवनों को पहले चरण में प्राथमिकता दी गई है।
समिति करेगी देखरेख और चयन
पंचायतीराज निदेशक की अध्यक्षता में एक 10 सदस्यीय पुस्तक चयन समिति का गठन किया गया है, जिसमें स्कूल शिक्षा, बेसिक शिक्षा, साहित्य, शिक्षा और NBT से जुड़े विशेषज्ञ शामिल हैं। यही समिति तय करेगी कि किन किताबों को डिजिटल लाइब्रेरी में शामिल किया जाए। इसके अलावा, कंप्यूटर और फर्नीचर की खरीदारी के लिए अलग से एक निगरानी समिति भी बनाई गई है।
शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी पहल
गांवों के छात्रों के लिए यह सुविधा एक क्रांतिकारी परिवर्तन मानी जा रही है। जिन किताबों को आर्थिक अभाव के कारण पढ़ना संभव नहीं होता था, वे अब एक क्लिक पर उपलब्ध होंगी। यह पहल न केवल छात्रों की शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाएगी, बल्कि ग्रामीण युवाओं को डिजिटल साक्षरता की दिशा में भी आगे बढ़ाएगी।
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