बता दें की केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (PAB) ने राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा प्रस्तुत 2025-26 की वार्षिक कार्य योजना एवं बजट प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। इसके तहत अप्रैल 2025 से प्रदेश भर में संचालित 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के करीब 12,000 कर्मचारियों के मानदेय में यह बढ़ोतरी लागू कर दी गई है।
किसका कितना बढ़ा मानदेय?
फुल टाइम टीचर: पहले – ₹24,200, अब – ₹25,410
पार्ट टाइम टीचर: पहले – ₹12,181, अब – ₹12,790
वार्डन: पहले – ₹30,250, अब – ₹31,763
उर्दू पार्टटाइम टीचर: पहले -16408, अब - 17,196.00
लेखाकार: पहले - 13,673, अब - 14,375.00
मुख्य रसोइया: पहले -8,577, अब - 9,006.00
सहायक रसोइया: पहले -6,433, अब - 6,755.00
चपरासी व चौकीदार: पहले -7,147, अब - 7,505
सरकार के इस फैसले के बाद जहां प्रशासन इसे एक ‘सकारात्मक कदम’ मान रहा है, वहीं कर्मचारियों और शिक्षकों ने इसे ‘नाम मात्र’ की बढ़ोतरी करार दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि यह बढ़ोतरी महंगाई और जीवन यापन की वास्तविक जरूरतों के मुकाबले बेहद कम है।
स्थायीकरण और न्यूनतम वेतन की मांग
संविदा पर कार्यरत शिक्षक और अन्य कर्मचारी लंबे समय से स्थायी नियुक्ति और न्यूनतम वेतन की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार केवल मामूली बढ़ोतरी कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है, जबकि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए सबसे पहले शिक्षकों की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
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